इंदौर कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में सोमवार उपवास करते है टाइगर, 1 दिन की डाइट 10 किलो मीट, जानिए सालाना कितने रुपये होते है खर्च

29 जुलाई यानी शुक्रवार को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जा रहा है। ऐसे में हम आपको मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्थित कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय है के टाइगर्स के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल इंदौर जू की एक टाइग्रेस हफ्ते में उपवास रखती है। अगर इनके सामने मीट भी रख दिया जाए इसके बावजूद भी वहां उन्हें खाते नहीं है इसके अलावा टाइगर 1 दिन यानी प्रत्येक सोमवार को उपवास रखते हैं।

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हर साल 50 लाख रुपये होते है खर्च

दरअसल वर्ल्ड टाइगर डे के मौके पर हम आपको एक बहुत ही अच्छी खास बात बताने जा रहे हैं । एक टाइगर हर दिन 10 किलो मीट खाते हैं, लेकिन इसमें उन्हें कभी-कभी मटन भी दिया जाता है, जबकि सोमवार को उन्हें मीट नहीं मिलता है। इसके पीछे की वजह यह है की इन टाइगर की डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहे। इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय टाइगर फैमिली पर नगर निगम के द्वारा हर साल 5000000 से भी अधिक खर्च किए जाते हैं।

जानिए इंदौर जू में कितने है टाइगर

बता दें कि इंदौर जू में 14 टाइगर हैं। जिनमें 8 एडल्ट और 6 शावक है ।यह टाइगर हफ्ते में एक दिन सोमवार उपवास रखते हैं। इसकी वजह से इनकी हेल्थ अच्छी बनी हुई रहती है जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव की माने तो इनका अच्छे से ध्यान रखा जाता है। किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो इसके लिए इन्हें मेडिसिन व अन्य जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट भी दिए जाते हैं। उनका कहना है कि जो मैं टाइगर पर हर साल 400000 खर्च किए जाते हैं सभी टाइगर पर टोटल 5000000 खर्च होते हैं।

इन 3 टाइगरों को ले रखा है गोद

जू में 14 टाइगर में से रागिनी सबसे अधिक उम्र वाली बाघिन है। इसकी उम्र 11 साल है, जबकि जून में मौजूद अन्य बाद 5 साल आदम और जमुना साढ़े 5 साल इसी तरह अन्य शावकों की उम्र बहुत कम है। वहीं सबसे अच्छी बात यह है इंदौर जू के तीन टाइगर को गोद ले रखा है। इनमें लक्की, पैर और नव शामिल है। प्रबंधक की मानें तो इन्हें गोद लेने वाले सालाना करीब 300000 जो प्रबंधन को उनकी देखरेख के लिए देते हैं।

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