MP की इस सेंट्रल जेल में महिला कैदियों की अनूठी पहल, सब्जियों और फूल से तैयार कर रही ये कलर, जानिए क्या खास

देशभर में 18 मार्च यानी शुक्रवार को रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनाई जा रही है। होली का पर्व मनाने की अलग-अलग परंपरा है। 2 साल महामारी के बाद अब रंगों के त्यौहार में उत्साह नजर आ रहा है। वहीं कई तरह के कलर बाजारों में हमें देखने को मिलते हैं। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की सेंट्रल जेल में इस बार एक अनोखी पहल शुरू की है। जिसमें महिला कैदियों द्वारा हर्बल कलर बनाया जा रहा है। इन कैदियों के द्वारा तैयार किया जा रहा कलर बाजारों में बेचा जाएगा वहीं इसके लिए इन्हें खास ट्रेनिंग भी दी गई है।

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जेल में ही महिला कैदियों को दी गई थी ट्रेनिंग

दरअसल इंदौर सेंट्रल जेल में कई महिला कैदी बंद है जो अपने अलग-अलग गुनाहों की सजा भुगत रही है। अब इन कैदियों के द्वारा जेल में ही हर्बल कलर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है। इसको लेकर सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने अपनी जानकारी में बताया है कि इन महिला कैदियों को अलग तरह का हुनर सिखाया है जो अब अपने हुनर के बल पर इस तरह का कलर तैयार कर रही है। यह कलर ऐसा है जो चेहरे पर भी नुकसान नहीं करता है।

फल और सब्जियों से तैयार कर रही कलर

महिला कैदियों के द्वारा सब्जियों और फूलों को सुखाकर उससे रंग तैयार कर रही है। एक महिला कैदी से जब इस कलर के बारे में जानकारी ली गई तो उसने बताया कि वहां सेंट्रल जेल में करीब 4 साल से कलर बनाने का हुनर सीख रही है। यह महिलाएं पालक फल और फूल से हर्बल कलर तैयार करती है और फिर यह जब बाहर जाएगी तब अपने इस हुनर का इस्तेमाल कर रोजगार कर रुपए कमा सकती है।

जेल अधीक्षक ने कहा कि इन महिलाओं को कलर बनाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है और यहां अब अच्छे से कलर बनाना सीख रही है। जब यह जेल से बाहर निकलेगी तो यह हुनर इनके काम आएगा, क्योंकि यहीं हुनर बाहर जाकर रोजगार का साधन बन सकता है। और फिर यह हर्बल कर तैयार कर बाजारों में बेचकर अच्छे खासे पैसे कमा सकती हैं। बहरहाल महिला कैदियों के लिए यह ट्रेनिंग बहुत ही कारगर साबित होगी।

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