इंदौर में 107 करोड़ की लागत से बनेगा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट!
इंदौर : मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने कई क्षेत्रों में अच्छे कार्य को लेकर देश ही नहीं विदेशों तक नाम कमाया है। आज जब भी स्वच्छता की बात की जाती है तो सबसे पहले इंदौर के नाम लोगों की जुवा पर होता है। बता दें कि एक बार फिर इंदौर एक और नया कीर्तिमान अपने नाम करने वाला है।
दरअसल, शहर में ट्रेंचिंग ग्राउंड में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) का वेस्ट टू एनर्जी यानी कचरे को ऊर्जा में तब्दील कर देने वाला प्लांट बनेगा। इस प्लांट की मदद से जिस कचरे को रिसाइकिल नहीं किया जा सकेगा उसे प्लांट में मशीनों के उपयोग से कोयला (टोरीफाइड कोल) में परिवर्तन कर दिया जाएगा।
खास बात यह है कि प्लांट में बनने वाले इस कोल से बाद में बिजली उत्त्पन्न करने के लिए इन्हें उपयोग में लिया जाएगा। और यह कोल प्रदेश और आसपास के बिजली उत्पादन केंद्रों में दिए जाएंगे। शहर में बनने वाले प्लांट को बनाने में 107 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिसमे प्रतिदिन 500 टन सूखा कचरा प्रोसेस होगा। इससे हर दिन करीब 450 से 475 टन कोयला तैयार हो सकेगा।
बता दें कि इस तरह का प्लांट सर्वप्रथम इंदौर में स्थापित किया जा रहा है इसके बाद अन्य शहरों में भी इस तरह के प्लांट लगाए जाएंगे। जिससे बड़ी मात्रा में कचरे को रिसायकल कर कोल बनाने का कार्य किया जाएगा। और इनकी मदद से बिजली उत्पन्न की जा सकेगी।
अधिकार ने बताया
वहीं प्लांट के निर्माण में उपयोग होने वाली भूमि एनटीपीसी को इंदौर नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इंदौर नगर निगम के वेस्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट असद वारसी ने बताया कि टोरीफाइड कोल प्लांट में ऐसे प्लास्टिक, कपड़े, झाड़ू, जूते-चप्पल और चमड़े आदि रिजेक्ट मटेरियल से कोयला बनाया जाएगा।