जल्द होगा किताब ‘संघर्ष सफलता और लता’ का विमोचन, इस लेखक ने 31 घंटे फोन पर बात कर लिखी किताब

स्वर कोकिला भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का बीते दिनों 92 वर्ष की उम्र में अस्पताल में निधन हो गया था। निधन के बाद बॉलीवुड इंड्रस्टी से लेकर हर जगह शोक की लहर है। वहीं देश में फिर उनकी यादों में उनके गीत चारो और सुनाई दे रहे है। ऐसा ही एक नाता लता दीदी का मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन से रहा है। लता मंगेशकर ने मृत्यु से एक साल पहले तक उज्जैन के लेखक संजय मोदी को अपनी पूरी जीवन गाथा सुनाकर गई हैं। जिनपर उन्होंने एक पुस्तक ‘संघर्ष सफलता और लता’ नामक लिखी है।

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अंतिम पत्र के साथ भेजी थी 27 पेज की स्क्रिप्ट

दरअसल भारत रत्न लता के जीवन दर्शन पर उज्जैन के मेडिकल प्रैक्टिसनर एवं लेखक संजय मोदी ने 750 पेज की एक पुस्तक ‘संघर्ष सफलता और लता’ नामक लिखी है। इस किताब को लिखने के लिए ढाई साल तक मोदी ने लता दीदी की स्वीकृति का प्रयास किया। वे हर माह दीदी को पत्र लिखकर उनके जीवन पर पुस्तक लिखने की बात दोहराते थे। जब ढाई साल तक पत्र का कोई जवाब नहीं आया तो मोदी ने अंतिम पत्र के साथ लता को 27 पेज की स्क्रिप्ट भेजी। जिसमें लता जी के प्रारंभिक जीवन और उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर के शुरुआती संघर्ष का जिक्र था। साल 2017 में लिखे मोदी के अंतिम पत्र के बाद उनके पास लता दीदी का फोन आया और उन्होंने कहा कि पिता के संबद्ध में जो लिखा है वो सही है। इसके बाद लता जी ने मोदी को अपनी जीवनी लिखने की स्वीकृति प्रदान की।

31 घंटे की फोन रिकॉर्डिंग अभी है सुरक्षित

वहीं पुस्तक लिखने के लिए मोदी प्रति गुरुवार रात 8 बजे लता जी को फोन लगाते थे और अपने सवालों के जवाब और उनके जीवन के संघर्ष और सफलता को लेकर बात करते थे। मोदी ने कुल 31 घंटे लताजी से फोन पर बात की जो अब भी रेकॉर्डेड सेव है।

मंगेशकर परिवार की मौजूदगी में होगा विमोचन

वहीं इसको लेकर मोदी ने बताया इस किताब में लता जी के जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलू है। मोदी ने बताया इस किताब को लिखने में उन्हें तीन साल का समय लगा। 2017 के शुरुआती महीने में किताब को लिखना शुरू किया था और 2019 के अंतिम महीनों में ये पूरी हुई। 2021 में वाणी प्रकाशन हाउस द्वारा इसे प्रकाशित किया गया। अब जल्द ही मंगेशकर परिवार के सदस्य की मौजूदगी में किताब का विमोचन होगा।

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