मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग तेज, समर्थन में उतरे 96 विधायक, सरकार ले सकती है ये फैसला

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग तेज हो गई है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के 96 विधायक अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्थन में आ गए है। इतना ही नहीं बीजेपी के कुछ विधायक भी इस मांग के समर्थन में लामबंद हो गए है। इसके साथ ही सरकार से इनकी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है। वहीं 13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। शिवराज सरकार 8 मार्च को होने वाले बजट सत्र में अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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कर्मचारियों की मांग है की 1 जनवरी 2005 या इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, अभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सिर्फ हर महीने 800 से डेढ़ हजार रुपए ही पेंशन मिल रही है। मध्य प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर कांग्रेस भी शिवराज सरकार पर हावी हो गई है। लगातार कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ हमला बोल रही है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के कई विधायक अधिकारियों कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए हैं।

13 मार्च को आंदोलन की तैयारी तेज

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में 287000 शिक्षक और 48000 स्थाई कर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक शिवराज सरकार ने इनकी पेंशन बहाली को लेकर कोई भी आदेश नहीं दिया है। इसी बीच अब अधिकारी और कर्मचारियों ने 13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है।

2004 में सरकार ने लागू की थी नई पेंशन व्यवस्था

बता दें कि इससे पहले राजस्थान में भी अधिकारियों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर काफी प्रदर्शन किया था। 2004 से मध्य प्रदेश में नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई थी ।इसके बाद कर्मचारियों अधिकारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था है कि अपेक्षाकृत बहुत नुकसान होता था। अधिकारियों और कर्मचारियों का मानना है कि सरकार का काम सामाजिक सरोकार से जुड़ा होता है और वृद्धावस्था में किसी भी सरकारी कर्मचारी को सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना ही होगी।

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इन विधायकों को मिला कर्मचारियों को समर्थन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक पत्र दिया है जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही इसमें अब इन कर्मचारी अधिकारियों को मध्य प्रदेश के करीब 48 विधायकों का समर्थन मिला है। जिसमें सुलोचना रावत, महेश परमार, बैजनाथ कुशवाहा, लक्ष्मण सिंह ,जयवर्धन सिंह, भूपेंद्र मरावी, निलय डागा, नीलांशु बापू सिंह, तंवर भूरिया शामिल है।

कर्मचारी मंच के प्रांतीय अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि 48 विधायकों द्वारा लिखे गए पत्र में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की मांग की गई है। वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को लेकर कर्मचारी मंच बीते कई दिनों से हस्ताक्षर अभियान चला रहा है। वहीं सोमवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी संकेत दे चुके हैं कि यह सरकार कर्मचारी हितैषी है और हमेशा कर्मचारी-अधिकारियों के पक्ष में मंथन करके निर्णय लेती है।