23 साल पहले जिस कप्तान का टूटा था सपना, आज उसने मध्यप्रदेश टीम का कोच बन रचा इतिहास

बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मध्यप्रदेश और मुंबई के बीच रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला बहुत ही रोमांचक रहा। मध्य प्रदेश की टीम ने 67 साल के सूखे को खत्म कर दिया है। 23 साल बाद मध्य प्रदेश की टीम फाइनल में पहुंची और शानदार मुकाबले की बदौलत पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। मध्य प्रदेश के इस खिताब जीतने के बाद खिलाड़ियों की काफी तारीफ हो रही है। मध्यप्रदेश में फाइनल मुकाबले में मुंबई को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी है। खासकर टीम के कोच चंद्रकांत पंडित के लिए यह सपने से कम नहीं है।

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चंद्रकांत पंडित 1999 में बतौर कप्तान के तौर पर टीम के लिए खेल रहे थे मध्य प्रदेश की टीम साल 1999 में पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंची थी। उस समय मध्य प्रदेश की टीम फाइनल में पहली पारी में बढ़त लेने के बाद हार गई थी। इसके बाद कोर्ट चंद्रकांत पंडित का सपना था कि मध्यप्रदेश को वहां एक बार चैंपियन जरूर बनाएंगे।

चंद्रकांत पंडित के मैदान पर झलक पड़े आंसू

दरअसल रविवार को मध्य प्रदेश के इतिहास में यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। रणजी ट्रॉफी में मुंबई को हराकर मध्यप्रदेश ने इतिहास रच दिया है। 67 साल के सूखे को खत्म करते हुए मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी के खिताब पर कब्जा जमाया है। साल 1999 में पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में टीम पहुंची जरूर थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

चंद्रकांत पंडित ने बतौर मध्य प्रदेश को अपने उस टूटे लक्ष्य का पीछा किया और आज उनके कोच रहते हुए टीम ने रणजी चैंपियन बनने में सफलता हासिल की है। जैसे ही मध्य प्रदेश की टीम ने खिताब जीता तो उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े। कोच ने बाद में कहा 23 साल पहले मुझसे कुछ छूट गया था आज मेरी टीम ने उसी मैदान पर मुझे वहां वापस दे दिया है।

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जानिए कैसा रहा चंद्रकांत पंडित का करियर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1997 विश्व कप में विकेटकीपर बल्लेबाज चंद्रकांत पंडित ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। अपने इंटरनेशनल करियर में पंडित 5 टेस्ट और 36 वनडे मैच खेले हैं। पंडित ने टेस्ट में 171 रन बनाए और वनडे में उनके नाम 290 रन शामिल हैं।

इसके अलावा 1987 के विश्वकप में चंद्रकांत ने सेमीफाइनल के मुकाबले में खेलने का मौका मिला। जिसमें दिलीप वेंगरकर की जगह खेलने का अवसर मिला। उन्होंने 30 गेंद पर 24 रन की पारी खेली ।इसी तरह अंतरराष्ट्रीय कैरियर उनका अच्छा रहा है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 138 मैच खेले जिसमें 8209 रन बनाने में सफल खिलाड़ी बने। इसी तरह उनके नाम 42 अर्धशतक और 22 शतक शामिल है।

चंद्रकांत को बधाई देने का सिल​सिला जारी

इतना ही नहीं चंद्रकांत ने बतौर कोच अपनी दूसरी पारी शुरू की कोच के रूप में मुंबई को तीन बार और विदर्भ को दो बार खिताब जिताने में कामयाबी हासिल की है। 2020 में एक बार फिर उन्होंने मध्यप्रदेश की टीम में लौटे और इतिहास रचते हुए मध्य प्रदेश की टीम ने खिताब जीता है। बतौर कोच के रूप में अब चंद्रकांत ने इस सफलता को हासिल की है। ऐसे में उनकी चारों ओर तारीफ की जा रही है। अमित मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा लेजेंड चंद्रकांत पंडित के लिए क्या शानदार सफर रहा। एक कप्तान के रूप में 1999 में रणजी फाइनल हार गए लेकिन आज एक कोच के रूप में जीत गए हैं। इसी तरह कई लोग उनकी तारीफ करने के साथ ही उन्हें बधाई देने में लगे है।