मध्यप्रदेश के इन 17 जिलों में गरीबों की बल्ले बल्ले, अब गेहूं नहीं बल्कि मिलेगा प्रोटीनयुक्त आटा, जानिए क्या है तैयारी

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। जिसके तहत गरीबों को सरकार अब गेहूं की जगह प्रोटीनयुक्त आटा बांटेगी। इस व्यवस्था की शुरुआत सरकार की तरफ से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर समेत 17 जिलों में लागू की जाएगी। इस कवायद के पीछे तर्क यह है कि नई व्यवस्था से खाद्यान्न की कालाबाजारी पर रोक लगेगी साथ ही आटा प्रोटीनयुक्त होने की वजह से महिला और बच्चों में कुपोषण और खून की कमी जैसी समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

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गरीबों को बाटेंगे 5 किलों के पैकेट

पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस तरह की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में रखने की बात कही गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद आटा तैयार करने के लिए जिलों के कलेक्टर बनाकर टेंडर दिए जाएंगे। वहीं फ्लोर मिलों को यह हुआ प्रोटीन विटामिन खाद विभाग उपलब्ध कराएगी। वहीं फ्लोर मिल आटे में मिलाकर पांच 5 किलो के पैकेट तैयार किए जाएंगे। मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस 1 नवंबर से गरीबों को आटा देने की तैयारी की जा रही है।

इन 17 जिलों में बांटा जाएगा आटा

बता दें कि इंदौर, भोपाल समेत करीब 17 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब गेहूं की जगह आटा बांटा जाएगा ।इनमें अनूपपुर, गवालियर, मंडला ,मंदसौर, हरदा, दमोह, उज्जैन, बैतूल, मंदसौर, छतरपुर, देवास, झाबुआ, छिंदवाड़ा, धार, रीवा और सागर शामिल है। बता दें कि पीडीएस में 29 लाख मैट्रिक टन गेहूं बांटा जाता है। आटा तैयार करने और बांटने में 10 रुपए प्रति किलो अतिरिक्त आर्थिक भार आने का अनुमान है। आटा बनाने वाली कंपनियों को विटामिन डी आयरन समेत कई अन्य पोषक तत्व लाने पड़ेंगे। इनकी व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाएगी। सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट में 6 जिलों को चुना था। मंत्री विधायकों के दबाव के बाद 17 जिलों का प्रस्ताव बना हुआ है।