मध्यप्रदेश में 5 साल का बालक बना पुलिस आरक्षक, जानिए क्या है वजह

मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी पाने के लिए कई युवा बड़ी-बड़ी कोचिंग में पैसा कर खर्च कर मेहनत कर रहे हैं। इसके बावजूद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। इतना ही नहीं कई लोग ऐसे हैं जो जिला न्यायालय में चपरासी बनने के लिए एमबी और b.ed पास कर लाइन में लगे है। ऐसे युवाओं को भी नौकरी नसीब नहीं हो रही, लेकिन मध्यप्रदेश में एक 5 साल के बच्चे को सरकारी नौकरी मिल गई है। दरअसल पिता के निधन के बाद 5 साल के बालक को मध्य प्रदेश पुलिस ने बाल आरक्षक के पद पर नियुक्त किया है जिसे नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन मिलेगा।

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5 साल के बच्चे को दी बाल आरक्षक की नियुक्ति

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय मध्य प्रदेश के युवा बिजली कंपनी में अनुकंपा में नियुक्ति के लिए कई सालों से प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद उनको नौकरी नहीं मिल पा रही है। वहीं शिक्षा विभाग में जब निर्धारित आय और शैक्षणिक योग्यता पूरी ना हो जाए अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर पत्र आश्रित का चपरासी भी नहीं बनाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश अनुकंपा नियुक्ति पालिसी सबसे अलग है जहां एक बच्चे को बाल आरक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है।

2017 में पिता का हार्ट अटैक से हुआ था निधन

दरअसल सिवनी जिले की तहसील लखनादौन के ग्राम कुहिया छपारा में रहने वाले प्रधान आरक्षक चालक श्याम सिंह मरकाम का 23 फरवरी 2017 को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था। इनके निधन के बाद उनकी पत्नी ने अधिकारियों से गुहार लगाई और बताया था कि उनके परिवार में उनके पति के अलावा कोई भी वयस्क व्यक्ति नहीं था जो उनका परिवार चला सके। इसके बाद आरक्षक की पत्नी सविता मरकाम ने अपने 5 साल के पुत्र को उनका उत्तराधिकारी बनाने की बात रखी और आखिरकार पुलिस अधिकारी ने 5 साल के बालक गजेंद्र मरकाम को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के लिए सहमति व्यक्त की है।

वहीं नरसिंहपुर में कोई पद खाली नहीं था इसकी वजह से बालक गजेंद्र मरकाम को कटनी में पदस्थापना के लिए निर्देशित किया गया। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने आवश्यक कार्रवाई कराते हुए मां की उपस्थिति में 5 साल के बालक को बाल आरक्षण के पद पर अनुकंपा नियुक्ति नियुक्ति पत्र सौंपा गया है। वहीं एसपी सुनील जैन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बालक की पदस्थापना पुलिस लाइन में की गई है। वहां बालक आरक्षक कोई काम नहीं करेगा। मां के साथ रहकर पढ़ाई करेगा जब यहां 18 वर्ष का हो जायेगा और शिक्षण योग्यता के लिए शारीरिक दक्षता प्राप्त कर लेगा उसके बाद चरित्र प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षक के पद पर पदस्थापना होगी। वहीं बाल आरक्षक को शर्तों के अधीन सातवें वेतनमान 19 हजार 500 की शासन द्वारा स्वीकृत महंगाई भत्ता मिलेगा।

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