राशन कार्ड धारकों को तगड़ा झटका, 2 करोड़ से अधिक कार्ड कर दिए निरस्त, कही आपका भी तो नहीं
राशन कार्ड धारकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अगर आप भी राशन कार्ड धारक है तो यह खबर देख लें। कहीं आपका राशन कार्ड तो निरस्त नहीं हो गया है। दरअसल राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल के बाद बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बड़ी जानकारी दी है। पिछले 5 साल में बड़ी संख्या में राशन कार्ड निरस्त किए गए है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो इस खबर को जरूर देख लें।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी ये खबर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर यूपी सरकार की तरफ से राशन कार्ड को सरेंडर करने की खबर सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियों में रही थी। इस खबर के बाद दावा किया गया था कि आपात्र राशन कार्ड धारकों को तहसील में जाकर अपने राशन कार्ड को सरेंडर करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनसे राशन की वसूली कर ली जाएगी। हालांकि सरकार की तरफ से इस तरह का कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था। वहीं यूपी की योगी सरकार ने ऐसा कोई भी नियम नहीं बनाया है। इस बात की पुष्टि बीते दिनों कर चुके हैं।
किस राज्य में कितने राशन कार्ड हुए निरस्त
केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि अगर 2017 से 2020 और 21 की बात करें तो देशभर में डुप्लीकेट अपात्र और जाली राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं ।जिन राशन कार्ड को निरस्त किया गया है। उसमें राज्य मंत्री का कहना है कि अगर हम बिहार की बात करें तो अकेला एकमात्र ऐसा राज्य है जहां से 710000 राशन कार्ड निरस्त किए गए। साध्वी निरंजन ज्योति ने आगे कहा 2018 में 2.8 लाख 2019 में 3.92 लाख 2020 में 99404 करीब 710000 राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं ।यानी उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर सबसे अधिक 1.42 करोड़ राशन कार्ड निरस्त किए हैं। वहीं महाराष्ट्र में 21.03 लाख राशन कार्ड कैंसिल किए है।
नए राशन कार्ड बनाने पर लगाई रोक
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा राशन कार्डों का निस्तारण कार्यक्रम शुरू हो चुका है। इसके लिए एक आदेश जारी कर दिया है जिसमें अपात्र लोगों का राशन कार्ड की लिस्ट से नाम काटा जा रहा है। इसमें केवल उन्हीं लोगों को रखा गया है जिन्हें जरूरत के हिसाब से राशन मिलता है। इसकी शुरुआत यूपी सरकार के द्वारा अलग.अलग जिलों से की जा रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार सरकार का राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है ऐसे में अब राशन कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं।