मध्यप्रदेश के इस गांव में ​जीवित है अनोखी परंपरा, इस पक्षी के अंडों से लगा लेते है अच्छी बारिश का अनुमान

मध्य प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। प्रदेश में कई जगह बारिश भी हो गई है ।इसके साथ ही कई जगह पर किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अगर अच्छी बारिश होती है तो किसान सोयाबीन की बोनी करेंगे, लेकिन इसी बीच आपको बदलते विज्ञान के इस युग में बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों की पुरानी परंपराएं बता रहे हैं जो कि आज भी जीवित है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के कुछ ग्रामीण अंचलों की जहां पर एक परंपरा बारिश को लेकर है, जहां टिटहरी पक्षी द्वारा खुले खेतों में दिए गए अंडों की संख्या के आधार पर ही आज भी लोग बारिश का अनुमान लगा लेते हैं इससे उन्हें विश्वास हो जाता है कि बारिश कब होगी।

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इस तरह लगाते है बारिश का अनुमान

दरअसल आधुनिक और विज्ञान के इस दौर में भी कई जगह आज भी पुरानी परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि बारिश के मौसम से जुड़ी हुई है। दरअसल मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में आज भी बारिश से जुड़ी कुछ परंपराएं हैं जिसका निर्वहन ग्रामीण करते हैं। इस अंचल में लोग टिटहरी पक्षी के अंडों से ही अनुमान लगा लेते हैं कि बारिश कब और कितनी होगी। बताया जाता है कि टिटहरी पक्षी जितने अंडे देती है उन अंडों में कितने अंडे आपस में चिपके हुए हैं और शेष अंडों में कितना अंतर है उतने महा पूरे बुंदेलखंड के साथ-साथ देश में अच्छी बारिश होती है जो अंडे अलग रहते हैं। उतनी कम बरसात होती है।

पुरातन काल से निर्वाहन कर रहे मान्यता

प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है ।कुछ दिनों में बारिश भी आने वाली है, लेकिन इसी बीच इस परंपरा का निर्वहन बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग करते हैं। पुरातन काल से ही लोग इस मान्यता पर भरोसा करते हैं और इसी के सहारे खेतों में किसान बारिश के आगमन के पूर्व अपनी खेती की तैयारी करते हैं। वर्तमान में भले ही मौसम विभाग और कृषि विज्ञान किसानों को मौसम की जानकारी देते हैं, लेकिन बुंदेलखंड का किसान आज भी टिटहरी पक्षी के अंडों से बारिश का अनुमान लगा लेते हैं।

दरअसल एक खास बात और बता दें कि टिटहरी पक्षी कभी पेड़ या ऊंचे स्थान पर अंडे नहीं देती है, बल्कि वहां खुले मैदान या खेत में अंडे देती है। इन अंडो का स्वरूप मिट्टी नुमा होता है जिससे दूर से समझ में नहीं आ सके कि यहां अंडे रखे हैं। पक्षी जहां भी अंडे देता है वहां से काफी दूरी पर बैठते हैं, ताकि किसी व्यक्ति या जानवर को यह एहसास नहीं होता कि यहां पर अंडे रखे हुए टिटहरी के अंडे का बुंदेलखंड के किसानों में बड़ा ही महत्व है।

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