पुराने डीजल ऑटो चलाने वाले सावधान, ट्रैफिक पुलिस कर रही है जब्त, 1 जनवरी से बिना इस सर्टिफिकेट के नहीं मिलेगा फ़्यूल

अगर देश में कहीं भी वायु प्रदूषण खेलने की बात आती है तो सबसे पहला नाम दिल्ली एनसीआर का ही आता है। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है। इसे रोकने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में आप पुराने वाहनों पर रोक लगाने के लिए भी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। जिसमें अब 31 दिसंबर 2026 तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा के संचालन को बंद कर दिया जाएगा। 31 दिसंबर तक फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर, गुरुग्राम, गाजियाबाद में डीजल से चलने वाले ऑटो को बंद कर दिया जाएगा ।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाकी जिलों में ऑटो 31 दिसंबर 2026 तक सेवा से बाहर हो जाएंगे।

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इन राज्यों में डीजल ऑटो रिक्शा होंगे बंद

दिल्ली एनसीआर में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है ।जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को सांस लेना भी मुश्किल होता है। बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से लोग काफी परेशान हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठाती हैं। ऐसे में अब सरकार की तरफ से दिल्ली हरियाणा के 14 जिले, उत्तर प्रदेश के आठ और राजस्थान के 2 जिले शामिल किए गए हैं। इन जिलों में 1 जनवरी 2023 से सिर्फ सीएनजी गैस वाले ऑटो रिक्शा ही चलने की अनुमति दी जाएगी। वहीं डीजल से चलने वाले पुराने ऑटो रिक्शा को बंद कर दिया जाएगा।

1998 में शुरू हुआ था ये कार्यक्रम

बता दें कि राजधानी दिल्ली में डीजल ऑटो को सीएनजी में तब्दील करने के लिए 1998 में एक कार्यक्रम भी शुरू हुआ था ।वर्तमान की बात करें तो यहां पर कोई डीजल चलित ऑटो पंजीकृत नहीं है। पिछले साल दिल्ली पर्यटन विभाग ने अक्टूबर में 4261 इलेक्ट्रिक ऑटो पंजीकृत करने की योजना शुरू की थी। अगले 5 सालों में दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाओं को सूचीबद्ध किया है। जिसमें नीति आयोग ने तत्काल प्रभाव से इसे लागू कर दिया।

दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में सभी ताप विद्युत संयंत्रों को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा ।1 जनवरी 2023 से वैद्य प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं रखने वाले वाहनों को इंधन नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा लंबी दूरी तक चलने वाले अन्य वाणिज्यिक वाहनों के लिए एनसीआर और राजमार्गों में सीएनजी और तरल प्राकृतिक गैस इन द नेटवर्क का विस्तार करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

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