महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी तैयारी, आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू होगी ये व्यवस्था, 3 से 6 वर्ष के बच्चों को​ मिलेगा लाभ

कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसमें आए दिन कई तरह के नवाचार भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने कुपोषित बच्चों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत अब आंगनवाड़ी केंद्र में लगाई गई पोषण वाटिकाओ में उगने वाली सब्जी और फलों को बाजारों में बेचने की वजाए अब उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जायेगी। जिसका लाभ धात्री महिला और अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों को मिलेगा। इसमें 3 वर्ष से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे शामिल है।

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दरअसल मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए है। जिसके बाद सभी प्रदेशभर की आंगनबाड़ी केंद्रों को इस तरह की जानकारी दी गई है। मध्य प्रदेश के 6135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई गई है। इसमें विभिन्न किस्मों की सब्जियां और फल उगाए जाते हैं जिसकी मानिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा है। इसमें 3 वर्ष से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को इन फल और सब्जियों को लाभ मिलेगा।

वहीं इस मामले को लेकर संचालक महिला-बाल विकास डॉ. रामराव भोंसले ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की आँगनवाड़ी केन्द्रों की पोषण-वाटिका में उत्पादित सब्जी एवं फल प्रति सोमवार उन स्व-सहायता समूहों को उपलब्ध कराई जायेगी, जो बच्चों के लिये गर्म पका भोजन तैयार करते हैं। यह सुविधा नाश्ता एवं गर्म पके भोजन की व्यवस्था से अलग रहेगी।

135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर लगाई जा रही पोषण वाटिका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन 135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई जा रही है उनसे निकलने वाली सब्जियां और फल को अब बाजारों में नहीं बेचा जाएगा, बल्कि अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों और धात्री महिलाओं को यह फल और सब्जियां दी जाएगी। इसके रखरखाव और निगरानी की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारियों को दी है। वहीं इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग ने निर्देश जारी किए है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूरे देश में आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण वाटिका बनाई गई है। जिसमें जिले के अधिकारियों से मार्च तक पहुंचने वाटिका को लेकर प्रगति प्रतिवेदन भी मांगा है। वहीं इसमें शिवराज सरकार के द्वारा निर्देश में बताया गया है कि सब्जियां और फल को प्राथमिकता के आधार पर आंगनवाड़ी केंद्रों के हितग्राहियों और केंद्रों के लिए भोजन तैयार करने वाले स्व सहायता समूह को भी दिए जा सकते हैं। यह व्यवस्था आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले नाश्ता और भोजन से अलग होगी।