चीतों के बाद अब हाथियों का होगा मध्यप्रदेश में वेलकम, इन नेशनल पार्क में आएंगे 15 हाथी

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में कुछ समय पहले ही आफ्रीका से एरोप्लेन के सहारे चीतों को लाया गया था। वहीं इन्हें आइसोलेशन में रखने के बाद हाल ही में बड़े बाड़े में छोड़ा गया है। लेकिन अब चीतों बाद मध्यप्रदेश में हाथियों को लाने की कवायद तेज हो गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश के दो नेशनल पार्क के लिए तकरीबन 15 हाथियों को लाया जाना है। जिसको लेकर टीम भी बना दी गई है इन हाथियों को कर्नाटक से लाया जाएगा।

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Elephant will come from karnatak

बता दें कि STR, पेंच और कान्हा रिजर्व के लिए हाथियों को लाया जाएगा जिसके लिए तकरीबन सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। इतना ही नहीं हाथियों को काफी सुरक्षा के साथ में यहां तक लाया जाएगा। गौरतलब है कि जिस तरह से चीतों को लाने के लिए विशेष विमान को मॉडिफाई किया गया था। उस तरह इन हाथियों को लाने के लिए भी गाड़ियों का टेंडर दे दिया गया है जो कि लगभग बनकर तैयार भी हो चुकी है।

3 से 5 हजार किलो होगा एक का वजन

गौरतलब है कि फिलहाल एसटीआर में 6 हाथी हैं वहीं 6 और आने के बाद 12 हो जाएंगे। इस विषय में जानकारी देते हुए एसटीआर के क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने जानकारी साझा की है और उन्होंने बताया है कि हाथियों को लाने का कार्य इस महीने के अंतिम और दिसंबर के पहले वीक में ही पूरा किया जाना है। जिसके लिए कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिजर्व (मैसूर) समेत तीन स्थानों से 15 हाथी STR में लाए जाना है।

जिन हाथियों को लाया जा रहा है उनकी विशेषता यह है कि वह 1 दिन में 200 लीटर तक पानी पी सकते हैं 3000 से 5000 किलो के होते हैं इतना ही नहीं 1 दिन में 200 किलो से ज्यादा की सामग्री खाने में सक्षम रहते हैं। इतना ही नहीं यह पेट्रोलिंग के लिए बेहद ही अच्छे होते हैं बड़े कान के हाथी होने के लिए यहां लोगों के आकर्षण का केंद्र भी रहते हैं। वहीं मैसूर के नागरहोल टाइगर रिजर्व में एशियाई हाथी रहती हैं। जिन्हें यहां तक लाने के लिए काफी कड़े इंतजाम किए गए हैं।

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