मध्यप्रदेश के इस किले में छिपा है आज भी रहस्यमयी खजाना, ढूंढने के लिए लोगों के द्वारा की जाती है चोरी छिपे खुदाई, जानिए इतिहास

मध्यप्रदेश में कई जगह है जिनकी कई कहानियां और कई रहस्यमई चीजें है, इनके पीछे छिपी हुई है। इसी तरह मध्यप्रदेश के बैतूल जिले का एक ऐतिहासिक मुलताई के पास स्थित शेरगढ़ का किला है जो अब रखरखाव ठीक से नहीं होने की वजह से अब अपनी पहचान खोते जा रहा है। एक समय था जब इस किले पर पर्यटक घूमने के लिए आते थे और यहां की वादियों का आनंद लेते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे यह जर्जर स्थिति में पहुंचते नजर आ रहा है। एक इलाका होने के साथ ही लोगों को काफी पसंद भी आता है, लेकिन पुरातत्व विभाग की लापरवाही की वजह से दूर दूर से आए पर्यटकों को निराशा हाथ लगती है।

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काफी रहस्यमय बना हुआ है ये किला

दरअसल पुरातत्व विभाग की देखरेख के अभाव में अब इस किले में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगाई है जिसकी वजह से इसके अंदर अब जाना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं किले में जगह-जगह गहरे गहरे गड्ढे नजर हो गए है। लोगों का कहना है कि इस किले में काफी रहस्य छिपा हुआ है।

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस किले में सोने और चांदी दबे हुए है। कहा जाता है कि लोग यहां पर खुदाई करते नजर आते हैं। वहीं इस किले के आसपास वर्धा नदी सहित छोटी-बड़ी पहाड़िया भी मौजूद है। बारिश के दिनों में यहां हरी-भरी वादियों का आनंद लेने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन प्रशासन के द्वारा इसे अपेक्षित कर दिया गया है।

जानिए इस रहस्यमय किले का इतिहास

यह किला बहुत ही रहस्मय बना हुआ है। शेरगढ़ का किला गोंड राजा शेर सिंह के द्वारा बनाया गया था। इस पर मुस्लिम शासक द्वारा कब्जा कर लिया गया यहां पर मंदिर और मजार दोनों है। इसके साथ ही यहां प्राकृतिक के बीच वर्धा नदी बहती हुई रहती है। मां ताप्ती की नगरी में आने वाले लोगों के लिए भी यहां एक घूमने का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। मुलताई क्षेत्र के लोग यहां आते जाते भी रहते हैं या किला मुलताई के शेरगढ़ में भी प्रसिद्ध है।

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