बंद कमरे में नहीं खेतों में पढ़ते है विद्यार्थी, कृषि विश्वविद्यालय ने पेड़ों पर लगाया वाईफाई, जाने इसका उद्देश्य

इंटरनेट और आधुनिक दौर में पढ़ाई का स्तर भी ऊंचा हो गया है अब छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी कराया जा रहा है। कई बार ऐसा होता है कि छात्रों को थ्योरी नालेज बहुत होता है, लेकिन कई बार वहां प्रैक्टिकल की वजह से मार खा जाते हैं, लेकिन पढ़ाई स्तर में नवाचार होना बहुत ही जरूरी है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जिसने एक अनूठी पहल पेश की है।

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दरअसल जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को बंद कमरों में नहीं पढ़ाया जाता है बल्कि खुले खेतों में पढ़ाया जा रहा है। शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को थ्योरीकल नॉलेज के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी अच्छे से समझाया और पढ़ा जा सके। वहीं इस नवाचार को लेकर जवाहरलाल नेहरू कृषि यूनिवर्सिटी की प्रदेशभर में काफी तारीफ हो रही है।

प्रोफेसरों ने पेड़ो पर लगाया वाईफाई

बता दें कि बच्चों को खेतों में पढ़ाई का उद्देश्य छात्रों को किताबी ज्ञान से ज्यादा प्रैक्टिकल ज्ञान देना है। कृषि विश्वविद्यालय के छात्र क्षेत्र में एक-दो घंटे नहीं बल्कि 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते नजर आते हैं मध्य प्रदेश माई गवर्नमेंट की ओर से इस समय सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है जिसमें बच्चों को पेड़ों पर वाईफाई लगाकर खेतों में पढ़ाया जा रहा है ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए किसी तरह के नेटवर्क की भी समस्या का सामना नही करना पड़े। वहीं छात्रों की लगन को देखते हुए विश्वविद्यालय ने प्रशासन की ओर से पेड़ों पर वाईफाई भी लगवाए है जहां शिक्षकों के द्वारा बच्चों को खेती से जुड़ी बाते समझाते हुए नजर आ रहे है।

पढ़ाई के साथ-साथ किसानी करते छात्र

दरअसल यहां छात्र पढ़ाई के साथ-साथ किसान भी बना है। छात्रों ने पढ़ाई के साथ-साथ करीब ढाई हजार पौधे लगाए। इसमें कई फलदार तो कई मसाले व सब्जियों के पौधे हैं। पौधे लगाने के बाद छात्र हर साल उनके द्वारा लगाए गए पौधों की जानकारी भी लेते हैं।

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