मध्यप्रदेश: यहां है देश का एकमात्र ‘अटल’ मंदिर, जहाँ होती है किसी पीएम की पूजा! रोज होता है कविताओं का जाप
मध्यप्रदेश: भारत धार्मिक और संस्कृति से परिपूर्ण देश है जहां मंदिरों की कमी नहीं है। यहां पर भगवान के ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों फिल्मी सितारों और नेताओं सभी के मंदिर देखने को मिलते हैं। क्या आपने किसी ऐसे राजनेता का मंदिर देखा है जिसे भगवान के तुल्य रखकर विराजित किया गया हो?
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पूरे देशवासियों के लिए एक खास जगह रखते हैं। ऐसा ही कुछ विशेष स्थान ग्वालियर में है जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का मंदिर बनाया हुआ है। इस मंदिर में उनकी प्रतिमा की पूजा भी की जाती है। क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर का क्या इतिहास है और किस वजह से पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति यहां स्थापित की गई है?
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का यह मंदिर 1995 ग्वालियर के घोसीपुरा स्थित सत्यनारायण टेकरी पर बनाया गया था। इस मंदिर के पुजारी प्रमोद मुद्गल ने बताया कि यहां पर सुबह शाम पूजा पाठ की जाती है और यह मूर्ति अष्ट धातु से बनी हुई है। लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अष्टधातु की मूर्ति को स्थापित ना करते हुए पत्थर की प्रतिमा को स्थापित किया गया है और अष्टधातु की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा हुआ है।
सुबह शाम होती है पूजा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को हिंदी भाषा से बेहद प्रेम था और साहित्य के प्रति उनका विशिष्ट लगाव था जिसके चलते वह एक शानदार कवि और कुशल वक्ता थे। अटल बिहारी वाजपेई जी की इस विशेषता को ध्यान में रखते हुए यहां पर हिंदी माता की प्रतिमा को भी स्थापित किया गया है। यहां पर दोनों प्रतिमाओं को एक ही मंदिर में स्थापित किया गया है लेकिन कुछ समय पहले हिंदी माता की प्रतिमा चोरी हो गई थी। जिसके बाल वाजपेई जी की अष्टधातु की मूर्ति को पी हटाकर पत्थर की प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया था। आज हिंदी माता की केवल फोटो रखकर मंदिर में पूजा की जाती है।
मंदिर के व्यवस्थापक प्रमोद मुद्गल ने बताया कि धीरे-धीरे मंदिर की हालत बिगड़ती जा रही है क्योंकि यहां दर्शन करने आने वाले भक्तों की संख्या कम हो गई है। मुद्गल ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई के समय तक तो लोग यहां दर्शन करने आते थे लेकिन अब धीरे-धीरे इनकी संख्याओं में कमी हो गई है। मंदिर के आसपास रह रहे रह वासियों द्वारा भी अतिक्रमण किया जाने लगा है जिस वजह से भी मंदिर का स्थान कम हो गया है।
मुद्गल बताते हैं कि अगर आप भी इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको ग्वालियर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से सीधे सत्यनारायण टेकरी के लिए ऑटो की सुविधा मिल जाएगी। मुद्गल का भारतीय जनता पार्टी से भी निवेदन है कि वह अपने पूर्व प्रधानमंत्री के इस मंदिर के उत्थान के लिए कुछ सहायता करें