इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में मरीजों को मिलेगी हाईटेक सुविधा, अब बनेगा 8 हाईटेक ऑपरेशन थिएटर, 5 मेडिकल वार्ड, 25 बेड का आईसीयू हॉल

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल एमवाय में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। इनकी आबादी को देखने के साथ ही शहर में नई-नई बीमारियों के सामने आने के बाद अब उनके इलाज के लिए सर्जरी की नई मेडिकल तकनीक भी इस्तेमाल की जाने लगी है ।ऐसे में ऑपरेशन के लिए अब हाईटेक ओटी की जरूरत पड़ रही है। इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए अब जल्दी ही एमवाय अस्पताल में पहली मंजिल पर 8 हाईटेक ऑपरेशन थिएटर, पांच मेडिकल वार्ड और 25 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा। इसे बनाने के लिए करीब मेडिकल कॉलेज प्रशासन 5 करोड़ 41 लाख रुपए खर्च करेगा।

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2023 तक पूरा होगा एमवाय का ये प्रोजेक्ट

इंदौर के एमवाय अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। बीते दिनों महामारी के दौर में भी कई संक्रमित मरीजों को रखा गया था। शहर में हर दिन नई नई बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। ऐसे में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा इलाज के लिए सर्जरी की नई मेडिकल तकनीक भी इस्तेमाल की जाने लगी है। ऑपरेशन के लिए अब हाईटेक ओटी की आवश्यकता भी पड़ने लगी है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एमवाय अस्पताल में नया ऑपरेशन थिएटर, मेडिकल वार्ड व आईसीयू हाल बनाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की शाखा प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट को दे दी गई है। पीआईयू ने दावा किया है कि एमवाय अस्पताल का यह नया प्रोजेक्ट मार्च 2023 तक पूरा कर दिया जाएगा।

5 करोड़ 41 लाख रुपए होंगे खर्च

इस मामले में एमवाय अस्पताल के अधीक्षक परमेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि गायनिक वार्ड को एमटीएच हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के बाद एमवायएच की पहली मंजिल पर खाली पड़े गायनिक वार्ड की जगह पर 8 नए मॉड्यूलर ओटी यानी हाइटेक ऑपरेशन थिएटर 5 नए मेडिकल बोर्ड समेत करीब 25 मेडिकल बेड का आईसीयू हॉल बनाया जा रहा है। मॉड्यूलर ओटी बनने से 178 सर्जरी हो सकेगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन करीब 54000000 खर्च कर रहा है।

2019 से अटका हुआ है ये प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए लंबे समय से मेडिकल वेट बढ़ाने की आवश्यकता भी पड़ रही है। 2019 में इस प्रोजेक्ट पर प्लान बनाया था, लेकिन इसके बाद महामारी के 2 साल बाद तक यह काम अटका रहा ।ऐसे में अब महामारी से राहत मिली है तो फिर से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने जा रहा है। 2023 तक इस प्रोजेक्ट का काम पूरा कर दिया जाएगा। एमवायएच में जो पुराने 10 होती हैं ।उनका रिनोवेशन भी किया जाएगा इसके अलावा कुछ नया स्ट्रक्चर खड़ा करना है। इसका फैसला पहली मंजिल पर 8 नई माड्यूलर रोटी बनाने के बाद होगा।

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वहीं इससे पहले तत्कालीन संभाल युक्त आकाश त्रिपाठी व अधीक्षक एडी भटनागर के कार्यालय में बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए 50 बेड की नई बिल्डिंग बनाने की योजना भी बनाई गई थी, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए तय किया गया कि 280 बेड के लिए 2 नए बड़े मेडिकल वार्ड बनाए जाएंगे। छठी मंजिल की छत पर यानी सातवीं मंजिल पर 160 तो छठी मंजिल पर 120 बैड के बाद बनाने का काम हाउसिंग बोर्ड को दे दिया गया है। तब से यहां तक मातरम प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा हुआ है ।इसकी वजह से संक्रमण काल में काफी समस्या आई थी।

1953 तक बनकर तैयार हुआ था एमवाय

एमवाय अस्पताल को यूंही बड़ा अस्पताल नहीं कहा जाता है 70 साल पुरानी एमवायएच की बिल्डिंग इतनी मजबूत बनाई गई है कि 30 साल तक यूं ही कायम रहेगी ।इस अस्पताल का भूमि पूजन 6 जून 1948 को किया गया था 1953 तक बनकर तैयार हो चुका था और 2 अक्टूबर 1956 को इसका उद्घाटन किया गया था। इस अस्पताल को बनाने में 7000000 का खर्च आया था। 3500000 रुपए इंदौर के तत्कालीन महाराजा यशवंत राव होल्कर ने दिए थे बाकी 3500000 रुपए सरकार के माध्यम से जन सहयोग से जुटाए गए थे।