नौकरी नहीं मिली तो हो गई हताश, मेहनत से बदली तकदीर, आज बन गई 30 हजार करोड़ की कंपनी की मालकिन

इस समय कई युवा नौकरी की तलाश में घूमते हैं। अच्छी पढ़ाई करने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती है। ऐसे में थक हार कर या तो खुद का बिजनेस शुरू कर देते हैं या फिर मजबूरी में जो नौकरी मिल जाए उसे कर लेते हैं, लेकिन आज हम नौकरी नहीं मिलने की वजह से हताश एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें एक समय नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक बिजनेस शुरू किया और आज बिजनेस में इस तरह सफलता मिली है कि वहां अब 30000 करोड रुपए की कंपनी की मालकिन बन गई है।

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दरअसल वर्तमान में देखा जाता है कि कई युवा पर लिखकर अच्छी नौकरी करने का सपना देखते हैं, लेकिन नौकरी ऐसे ही नहीं मिल जाती है। इसमें मेहनत भी करना पड़ती है। कई युवा आज यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर आईएएस बन रहे हैं, लेकिन इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत होती है तब कहीं जाकर सफलता मिलती है। आज हम आपको एक ऐसे युवा भारतीय की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते ऐसी कंपनी खड़ी की है कि आज उसका टर्नओवर करोड़ों रुपए में है।

राधिका ने संघर्ष के बाद हासिल की सफलता

हम बात कर रहे हैं एडलवाइज एमएफ की सीईओ राधिका गुप्ता की जिनकी तिरछी गर्दन और भारतीय लहजे में बात करने की वजह से स्कूल में हंसी मजाक उड़ाया जाता था। इनकी कहानी काफी इमोशनल करने वाली राधिका अपनी जिंदगी से काफी निराश हो गई। जिंदगी तक खत्म करने की कोशिश कर ली थी ।कॉलेज खत्म होने के बाद हर युवा नौकरी पाने का सपना देखता है। इसी तरह का सपना राधिका ने भी देखा था लेकिन कई बार उन्होंने इंटरव्यू दिए इसके बाद उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में राधिका ने अपना जीवन खत्म करने का मन बना लिया और ऐसा कदम उठाने के लिए कदम आगे ही बढ़ाया लेकिन दोस्तों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें नया जीवन दिया। इसके बाद राधिका ने कभी पीछे पलटकर अतीत को नहीं देखा।

30 साल की उम्र में बनी इस कंपनी की सीईओ

वहीं राधिका ने अपनी मेहनत के बलबूते 30 साल की उम्र में युवा ceo बनकर सबके सामने खड़ी है। राधिका का कहना है उनकी मां बहुत ही प्रतिभावान और तेजस्वी महिला है। उनकी मां उसी स्कूल में पढ़ाती थी जिसमें राधिका अध्ययन करती थी। राधिका की झुकी गर्दन होने की वजह से उनका काफी मजाक उड़ाया जाता था ।उनकी तुलना उनकी मां से करते थे और कहते थे कि उनकी मां के आगे राधिका बस सूरत लगती है, लेकिन इसके बावजूद भी राधिका ने अपने कॉन्फिडेंस को कम नहीं होने दिया। हालांकि इन बातों को सुनकर राधिका कभी-कभी निराश हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद वहां हमेशा आगे बढ़ती गई।

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जाने कितने बार इंटरव्यू में हो गई फेल

कहते हैं अगर इंसान को सफलता हासिल करनी है तो उसके लिए मेहनत करना पड़ती है और सफलता पाने के लिए एक बार की मेहनत से कुछ नहीं होता है, बल्कि बार-बार मेहनत करने के बाद ही सफलता मिल पाती है। ऐसे में 22 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाली राधिका प्राइवेट नौकरी करने का मन बना लिया। उन्होंने करीब 7 बार इंटरव्यू दिया, लेकिन हमेशा असफलता मिली है। राधिका का कहना है अपना जीवन खत्म करने के लिए उन्होंने खिड़की से कूदने का मन बनाया, लेकिन दोस्तों ने मौके पर आकर उन्हें बचा लिया और मनोचिकित्सक डॉक्टर के पास ले गए। राधिका पूरी तरह से डिप्रेशन में चली गई थी। डॉक्टरों ने कहा उनका इंटरव्यू है हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद राधिका इंटरव्यू के लिए राधिका को सफलता मिली और वहां वैकेंसी कंपनी में जॉब पाने में सफल हो गई।

राधिका ने 3 साल तक मैकेंजी कंपनी में नौकरी की इसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने का मन बनाया। 25 साल की उम्र में हस्बैंड और दोस्तों के साथ मिलकर एक संपत्ति प्रबंधन शुरू किया, लेकिन कुछ समय बाद उनकी इस तरह को एडलवाइज एमएफ कंपनी के द्वारा अधिकृत कर दिया गया। राधिका की उम्र 33 साल है और वहां भारत की युवा सीईओ की लिस्ट में अब्बल दर्जे पर है।