नीमच के रविकांत चौधरी का कमाल, पिता के साथ पानी पूरी बेचते हुए पहले ही प्रयास में बने इंडियन एयरफोर्स के पायलट
Ravikant Choudhary Manasa Pilot: सोचने से नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती इसे हमने कई बार सच होते हुए भी देखा है बता दें कि जो व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी चीज को करने की ठान ले और उस पर खूब मेहनत करें तो 1 दिनों से सफलता मिल ही जाती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यप्रदेश के नीमच रहने वाले रविकांत ने जिन्होंने अपने पिता के साथ पानी पूरी बेचते हुए पहले ही प्रयास में एयरफोर्स में पायलट बन गए हैं।
रविकांत एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं उनके पिता पानीपुरी का ठेला लगाते हैं जो कि नीमच जिले के मनासा में द्वारकापुरी धर्मशाला पास लगता है। रविकांत ने अपने पिता के साथ मेहनत करते हुए खूब पढ़ाई की और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में एयरफोर्स में पायलट की उपाधि प्राप्त करती है बता दें कि इस उपलब्धि के बाद से पूरे क्षेत्र में रविकांत की चर्चाएं चल रही है। उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया।
बिना कोचिंग की मदद के बने पायलट
गौरतलब है कि रविकांत अभी केवल 21 साल के ही है। उनके पिता का नाम देवेंद्र चौधरी है। रविकांत ने अपनी पढ़ाई के साथ ही अपने पिता का भी हाथ बढ़ाया और वह अपने फुलकी के ठेले पर रोज पापा का साथ देते हुए नजर आते थे लेकिन उन्होंने कभी भी अपने पढ़ाई से ध्यान नहीं हटाया उनका शुरू से ही पायलट बनने का सपना था।
हालांकि उन्होंने इसके अलावा भी कई कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी की लेकिन बार-बार आसफलता मिली। लेकिन उन्होंने Air Force Common Admission Test (AFCAT) में पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली और अपने क्षेत्र के साथ अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया है इतना ही नहीं उनके परिवार में उनके बड़े भाई भी है जो खुद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं।
रविकांत के पिता बताते हैं कि लोगों के दौरान काफी परेशानियों के दौर से भाग रहे हैं उन्होंने कर्ज लेकर अपने परिवार को चलाया है। बेटे की इस उपलब्धि के बाद से पूरा परिवार काफी ज्यादा खुश है और उन्हें अपने बेटे पर काफी ज्यादा गर्व हो रहा है। रविकांत की सफलता के पीछे उनके पिता का भी काफी बड़ा योगदान रहा है उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी और लोगों से कर्ज भी लिया।