सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, अब साल में 450 मिलेगी छुट्टियां!, इन छुट्टी के बदले में ​सैलरी देती है मोदी सरकार

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा हर वर्ग को राहत देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। अब बहुत जल्द सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। जानकारी मिल रही है कि सरकार के द्वारा जल्द से जल्द लेबर कोड के नियमों को लागू किया जाएगा। चारों लेबर कोड के नियमों को लागू करने में करीब 3 महीने का वक्त लगेगा। इसके लिए सभी राज्यों ने नियम बना लिए हैं इस नियम के लागू हो जाने के बाद कर्मचारियों को छुट्टी में बड़ी राहत मिलेगी इसमें कर्मचारियों की छुट्टियां 300 से बढ़कर 450 तक पहुंच सकती है।

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जानिए क्या है सरकार की योजना

वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को सिर्फ 1 साल में 30 छुट्टियां ही दी जाती है। वहीं अगर कोई कर्मचारी साल में तय की गई छुट्टियां नहीं लेता है तो अगले साल 30 की वजह 60 हो जाती है। यहीं छुट्टियां 300 तक कर सकते हैं। हालांकि अलग-अलग विभागों के द्वारा अलग-अलग छुट्टियां तय की जाती है। जिसमें 240 से 300 के बीच कर्मचारियों को छुट्टियां मिलती है। वहीं जब रिटायरमेंट हो जाते हैं तो उन कर्मचारियों को अर्जित छुट्टी के बदले बेसिक सैलरी दी जाती है। अब इन्हीं छुट्टियों को बढ़ाने की मांग लेबर यूनियन कई दिनों से कर रहा है जिस पर अब सरकार बहुत जल्द फैसला ले सकती है। जिसमें इन कर्मचारियों को छुट्टियों के बदले सैलरी 20 साल की नौकरी है सर्विस के बाद मिल जाएगी।

इतनी मिल सकती है छुट्टियां

अगर मोदी सरकार के द्वारा लेबर कोड के नियम लागू कर दिया गया तो कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा। श्रम मंत्रालय लेबर यूनियन और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के बीच सालाना छुट्टियां, पीएफ, टेक होम, सैलेरी, रिटायरमेंट के साथ ही कई मुद्दों को लेकर चर्चा की गई जिसमें अब कर्मचारियों की छुट्टियां 300 से बढ़ाकर 450 किए जाने की मांग रखी गई है हालांकि इसे लागू करने में अभी 3 से 4 महीने का वक्त लग सकता है।

बता दें कि भारत में 29 सेंट्रल लेवल कानून को चार कोर्ट में बांट दिया गया है। लेबर कोड के नियमों के अनुसार सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, व्यवसाय सुरक्षा ,वेतन और स्वास्थ्य काम करने की स्थिति अन्य चार लेबर कोर्ट शामिल है। इसके लिए 23 राज्यों ने कानून को तैयार कर लिया। हालांकि इसे लागू करने में 3 से 4 महीने का वक्त लगेगा। हालांकि यह कानून 1 अप्रैल 2021 को लागू होने वाला था लेकिन राज्यों की तैयारी नहीं होने की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया था।

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