इंदौर की 100 साल की परंपरा का हुआ निर्वाहन, इन झांकियों और अखाड़ों को मिला पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार, देखें तस्वीरें

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में महामारी के 2 साल बाद झांकियों का कारवां निकाला गया। इस दौरान झिलमिलाती झांकियों को देखने के लिए पूरा इंदौर शहर उमड़ पड़ा। अनंत चतुर्दशी के मौके पर चल समारोह में एक से बढ़कर एक झांकियां निकाली गई। शाम 6 बजे से शहर में इन झांकियों का कारवां शुरू हुआ जो अगले दिन यानी शनिवार सुबह तक चलता रहा। इसे देखने के लिए लाखों लोग पहुंचे और इस नजारे को अपने कैमरे में कैद करने लगे। यह परंपरा करीब 100 साल पुरानी है, लेकिन महामारी की वजह से 2 साल गैप लग गई थी, लेकिन फिर एक बार इन मनमोहक झांकियों ने शहर के लोगों का मन मोह लिया है।

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झांकियों के विजेता का परिणाम हुआ घोषित

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में करीब 100 सालों से चल समारोह में झांकियां निकालने की परंपरा चली आ रही है।2 साल महामारी के बाद अब फिर से शहर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर शुक्रवार को झांकियों का कारवां निकाला गया ।इस दौरान मालवा मिल्की ब्रज की होली, राजकुमार मिल मेरा रंग दे बसंती चोला ,हुकुमचंद मिल की कालिया नाग, स्वदेशी मिल ब्रज की लठमार होली देखने को मिली है। इसके अलावा कई अखाड़े भी इस चल समारोह में नजर आए है। ऐसे में इस साल की झांकी के विजेता झांकी निर्णायक मंच के द्वारा अंतिम परिणाम घोषित कर दिए गए हैं जिसमें पहला पुरस्कार मालवा मिल की ब्रज की होली को मिला है।

इन झांकियों को मिला-पहला, दूसरा, तीसरा पुरस्कार

बता दें कि इंदौर शहर में चली आ रही अनंत चतुर्दशी के मौके पर इस चल समारोह की अनूठी परंपरा को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ता है। झांकियों और अखाड़ों का कारवां 2 साल महामारी के बाद फिर से देखने को मिला है। इस साल लोगों के अंदर झांकी देखने को लेकर काफी उत्साह नजर आया लोगों ने इस साल चल समारोह में जमकर सौभाग्यशाली इतना ही नहीं देर रात तक जोश और उल्लास के साथ चल समारोह में झूमते हुए झिलमिलाती झांकी और अखाड़ों का लुत्फ उठाते रहे। इस बार प्रथम पुरस्कार मालवा मिल की झांकी को मिला। वहीं दूसरा पुरस्कार राजकुमार मिल की झांकी तो तीसरा संयुक्त रूप से हुकुमचंद मिल कालिया नाग और स्वदेशी मिल की ब्रज की लठमार होली को मिला है।

इन अखाड़ों को मिला- पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार

इसके अलावा अगर हम अखाड़े की बात करें तो छोगालाल उस्ताद व्यामशाला और चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला को प्रथम पुरस्कार मिला है। इस को लेकर जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि कौन सी झांकी को कौनसा स्थान मिलेगा। खास बात यह है कि अखाड़ों के कत्थक को देखते हुए पुरस्कार दिए गए हैं। चल समारोह में युवाओं ने हैरतअंगेज प्रदर्शन और जोरदार करतब दिखाकर सभी लोगों का मन मोह लिया था। ऐसे में आंकड़ों का चयन अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिया गया है।

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