मध्यप्रदेश के इस बच्चे के जज्बे को सलाम, बचपन से नहीं है दोनों हाथ, पैरों से लिखकर बोर्ड परीक्षा दे रहा ये बच्चा

जब किसी के मन में मेहनत करने की ललक और कुछ कर गुजरने की उमंग होती है तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी उसके आड़े नहीं आती है। ऐसा ही एक शख्स दिव्यांग सूरज सिंह राजपूत मध्यप्रदेश के अशोकनगर से सामने आया है जिसके दोनों हाथ ना होने के बावजूद अपनी ललक और कुछ कर गुजरने की चाह में अपने पैरों से लिखकर हायर सेकंडरी की परीक्षा दे रहा है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के द्वारा 12वीं और 10वीं की परीक्षा चल रही है जिसमें कई तरह के वाक्या देखने को मिल रहे है।

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पैरो से आंसर सीट लीख रहा ​सूरज राजपूत

अशोकनगर की शासकीय स्कूल का छात्र सूरज सिंह राजपूत तमाम मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए दोनों हाथ न होते हुए भी बोर्ड परीक्षा दे रहा है। खास बात ये है कि यह छात्र दोनों हाथ न होने से अपने पैरों से लिखता है। पैरों से ही पेज पलटता है। साथ ही साथ अपने जरूरत के तमाम कार्य भी पैरों से करता है।

बचपन से विकलांग, नहीं है दोनों हाथ

अशोकनगर के कन्या स्कूल बोर्ड परीक्षा सेंटर पर यह छात्र कक्षा बारहवीं के आर्ट विषय की परीक्षाएं दे रहा है। छात्र सूरज सिंह राजपूत ने बताया कि वह जन्म से ही दिव्यांग है, जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं है। लेकिन हाथ न होने के बावजूद वह पैरों से लिख लिख कर परीक्षाएं दे कर बारहवीं तक पहुंचा है। सूरज का अरमान है कि वह ऐसे कुछ मुकाम पर पहुंचे जिससे की उसके परिवार को मदद कर सके।

दिव्यांग सूरज सिंह राजपूत जिले के लिए ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्त्रोत है जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने के बाद भी जीवन से जुड़ीं परीक्षाओ में अपनी हिम्मत तोड़ देते है। गौरतबल है कि इससे पहले एक और वाक्या ग्वालियर जिले में शुक्रवार को 10वीं की परीक्षा में देखने को मिला जहां एक महिला 18 दिन के बच्चे को लेकर परीक्षा देने के लिए पहुंची थी।

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