जबलपुर की बेटी का बड़ा कारनामा 5 हजार बार रस्सी कूदकर जीता गोल्ड मेडल बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

National Rope Skipping Competition : मन में कुछ अच्छा करने के जज्बात हो तो किसी भी मंजिल को आसानी से पाया जा सकता है कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। मध्यप्रदेश से जबलपुर की रहने वाली एक छात्रा ने जिन्होंने रस्सी कूद में वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इतना ही नहीं छात्रा को अपने इस अनोखे रिकॉर्ड के लिए गोल्ड मेडल भी दिया गया है। दरअसल, हाल ही में आयोजित हुई इंडिया मूवमेंट स्कीपिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित स्किपिंग प्रतियोगिता में छात्रा ऋषिका श्रीवास्तव ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए अपने नाम गोल्ड मेडल भी कर लिया है।

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बता दें कि ऋषिका श्रीवास्तव ने 62 मिनट में 5000 बार रस्सी को कूदकर किया रिकार्ड अपने नाम किया है। ऋषिका के हौसले और उनके जज्बे को अब सभी ने सलाम किया है। उनके इस कारनामे के बाद उनकी जमकर तारीफ हो रही है। इतना ही नहीं उन्होंने इस उपलब्धि के बाद जबलपुर के साथ ही पूरे मध्यप्रदेश का नाम भी गौरवान्वित किया है। गौरतलब है कि तालकटोरा स्टेडियम में इस प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है जहां पर तकरीबन 900 प्रतिभाशाली युवाओं ने पार्टिसिपेट किया था। जिसमें ऋषिका ने यह उपलब्धि अपने नाम हासिल की है।

क्या है ऋषिका का रिकॉर्ड

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अपनी इस कामयाबी को लेकर ऋषिका ने सभी को बताया है कि इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए उन्होंने काफी कड़ी मेहनत की है दिन-रात प्रैक्टिस की बदौलत उन्होंने इतने बड़े रिकॉर्ड को प्राप्त किया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया है कि वह पिछले कई सालों से लगातार प्रैक्टिस कर रही है। उन्हें रस्सी कूदने का शौक शुरू से ही रहा है। वहीं छठी क्लास से आकर उन्होंने इसकी कुछ ज्यादा ही प्रेक्टिस चालू कर दी थी। इसकी बदौलत आज उन्होंने या रिकार्ड अपने नाम किया है। गौरतलब है कि इस आयोजन के लिए ऋषिका दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंची थी। जहां उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया है और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया है।

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बेटी की उपलब्धि को लेकर ऋषिका की मां विमलेश श्रीवास्तव ने बताया है कि उन्होंने भी अपनी बेटी के जज्बे को देखते हुए उसका हौसला बढ़ाया इतना ही नहीं ऋषिका का कहना है कि आगे भी वहां होने वाले इस तरह के आयोजन में पार्टिसिपेट करेंगी। बता दें कि दिल्ली में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर तो दिल्ली पहले स्थान पर रहा। इतना ही नहीं छात्रा पहले भी इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए सिलेक्ट हो चुकी है। लेकिन पासपोर्ट के चलते वहां नहीं जा पाई थी।

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