जानिए मध्यप्रदेश में किसान कितनी जमीन का हो सकता है मालिक, इससे ज्यादा रखने पर होती है ये कार्रवाई
मध्यप्रदेश में किसान अधिकतम कितनी जमीन का मालिक हो सकता है आप सोच रहे होंगे कि चाहे जितनी, लेकिन ऐसा नहीं है मध्यप्रदेश में कोई भी किसान अगर सिंचाई युक्त जमीन है तो वहां 15 एकड़ और अगर वह सिंचाई युक्त जमीन नहीं है तो सिर्फ 30 एकड़ से अधिक कोई किसान जमीन नहीं रख सकता है। भू राजस्व संहिता के अनुवार 1959 की धारा 57 की माने तो प्रदेश की समस्त भूमि पर राज्य सरकार का अधिकार है। दरसअल भारतीय संविधान कहता है कि राज्य सरकार का कर्तव्य भारत के सभी नागरिकों को बराबर हिस्सा देना और गरीबी को खत्म करना है।
मध्य प्रदेश कृषि खातों की अधिकतम सीमा अधिनियम 1960 कानून को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया था। इस कानून को मध्य प्रदेश की सरकार ने 19 नवंबर 1961 को लागू किया था जिसके अनुसार कोई भी किसान इस कानून के दायरे से ज्यादा की भूमि का मालिक नहीं हो सकता है अगर इसमें कोई व्यक्ति ज्यादा भूमि रखता है तो उसकी भूमी का हिस्सा सरकार के दायरे में चला जाता है।
किसान इतनी भूमी का हो सकता है मालिक
मध्य प्रदेश कि सरकार ने जो कानून बनाया था उस कानून के अधिनियम की धारा 7 के अनुसार 7 मार्च 1974 के बाद कितनी भूमि का हकदार होगा इसको लेकर उन्होंने जानकारी दी है। अगर कोई किसान 2 फसल वाली सिंचाई युक्त कृषि भूमि रखता है।
- इसमें जब भूमि धारक किसी परिवार का सदस्य हो तब वहां 10 एकड़ जमीन रख सकता है।
- जब परिवार में 5 सदस्य से कम सदस्य है तब अधिकतम 18 एकड़ का मालिक हो सकता है।
- जब परिवार के 5 सदस्यों से अधिक व्यक्ति रहता है तो अधिकतम 36 एकड़ का मालिक हो सकता है।
वहीं जिन किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है और कृषि भूमि सुखी है इसके लिए भी अनुबंध बनाये गए है। जब भूमि धारा किसी परिवार का सदस्य है तो वह अधिकतम 30 एकड़ जमीन रख सकता है। वहीं 5 सदस्य कम होने पर 54 एकड़ जमीन का मालिक हो सकता है। इसके साथ ही परिवार में 5 सदस्य से अधिक सदस्य होने पर अधिकतम 108 एकड़ जमीन रख सकता है।
भूमि की जानकारी नहीं देने पर होगी ये कार्रवाई
अगर कोई भी किसान या व्यक्ति राजस्व अधिकारी को सही जानकारी नहीं देता है तो उसे 2 साल का कारावास और 5000 का जुर्माना भरना पड़ता है।