मध्यप्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों की बल्ले बल्ले, 6 साल का लंबा इंतजार खत्म, अब इस आधार पर मिलेगा प्रमोशन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक के बाद एक सौगात दी जा रही है। इसी बीच सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल मध्य प्रदेश में 6 साल से प्रमोशन पर लगी रोक को हटा दी गई है। इसके इंतजार में कर्मचारी लंबे समय से बैठे हुए थे आखिरकार शिवराज सरकार ने उन्हें फिर से प्रमोशन की खुशी दे दी है। ऐसे में कर्मचारियों और अधिकारियों के चेहरे खिल उठे है।

google news

मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर होगा प्रमोशन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक तरफ कर्मचारियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी की सौगात दी है। दूसरी तरफ 6 साल से लगी प्रमोशन की रोक को हटा दिया है। ऐसे में अब कर्मचारियों का प्रमोशन होगा और उनकी सैलरी भी बढ़ेगी। शिवराज सरकार के द्वारा प्रमोशन से हटाई रोक के बाद करीब 3.500000 कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा। शिवराज सरकार ने इसके लिए पदोन्नति नियम 2020 भी तैयार कर लिया है। सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की पदोन्नति मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर होगी।

इस आधार पर पर मिलेगा प्रमोशन

कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट क्लास वन के अधिकारी को 15 क्लास, 2 को 14 और क्लास 3 के अधिकारियों को 12 नंबर लाना आवश्यक है। मध्यप्रदेश में क्लास वन के सुपर क्लास वन अफसरों के प्रमोशन में यही पैमाना लागू है ।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग में नए नियमों का ड्राफ्ट बनाकर वित्त विभाग को भी भेज दिया है। इसका रीजन डीजे से ही मिलेगी इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पास किया जाएगा।

17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

खास जानकारी और बता देते हैं प्रमोशन में आरक्षण मामले को लेकर लंबे समय से उच्च न्यायालय में सुनवाई भी चल रही है। 17 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा ।इसमें सबसे बड़ी समस्या उन कर्मचारियों को होने वाली है जो 2016 से अब तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस समय के दौरान मध्य प्रदेश में करीब 70000 कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। सरकार के द्वारा तैयारी की गई है प्रमोशन करते समय सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे। उसके बाद अनारक्षित पदों पर प्रमोशन किए जाएंगे ।कर्मचारी के लिए क्लास 3 में 5 सालों की ग्रेडिंग के 12 अंक क्लास टू के लिए 14 अंक और क्लास वन के लिए 15 अंक होना आवश्यक है।

google news

लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को राज्य सरकार के 2002 के भर्ती नियमों में लागू आरक्षण रोस्टर को निरस्त किया था। लागू नियम के तहत पदोन्नति को भी निरस्त कर दिया था। प्रदेश सरकार ने फिर से इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंची और तब से यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। हालांकि इस मामले में अब सुनवाई 17 अगस्त को होना है ऐसे में देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में किस तरह की सुनवाई करती है।