मध्यप्रदेश की जनता को लगा बिजली का जोर का झटका, 1 अप्रैल से बढ़ाए गए बिजली के दाम, जानिए नई दरें
मध्यप्रदेश में एक तरफ पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 1 अप्रैल से बिजली के दामों में भी बढ़ोतरी हो गई है। दरअसल महंगे पेट्रोल डीजल के बाद अब आम जनता को बिजली का जोर का झटका लगा है। विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरों की घोषणा कर दी है जिसमें अब बिजली उपभोक्ताओं को बड़े हुए बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा ।यानी कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दर में 2.64 फीसदी बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि पहले मध्य प्रदेश की बिजली कंपनिया बिजली की दर 8.71 प्रतिशत बढ़ाने की मांग कर रही थी।
दरअसल मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से हाईवे पर घूमना पेट्रोल डीजल खाने पीने की चीजें समेत बिजली भी महंगी हो गई है। विद्युत नियामक आयोग ने मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का जोरदार झटका दिया है। शुक्रवार से बिजली की नई दरें लागू करने की घोषणा कर दी गई है जिसके तहत बिजली उपभोक्ताओं को 2.64 प्रतिशत बिजली बड़ी हुई मिलेगी। यानी कि नई विद्युत दरों के अनुसार प्रति यूनिट बिजली 8 पैसे से लेकर 12 पैसे तक महंगी होगी ।वहीं फिक्स चार्ज भी 5 रुपये से लेकर 12 रुपये तक महंगा कर दिया गया है। इसका असर अब मध्यमवर्गीय परिवारों को होगा जिनकी बिजली खपत 50 यूनिट से 300 यूनिट तक होती है।
ये रहेंगी नई दरें
दरअसल बिजली की नई जो दरें लागू की गई है उनमें 50 यूनिट तक 4.13 से बढ़ाकर 4.21 से बढ़ाकर 4.21 प्रतिशत, 51-150 यूनिट- 5.5 से बढ़कर 5.17 प्रतिशत, 151-300 यूनिट- 6.45 से बढ़कर 6.74 प्रतिशत, 300 यूनिट से अधिक- 6.65 से बढ़कर 6.74 प्रतिशत कर दी गई है। यानि की अब से उपभोक्ताओं बढ़ी हुई यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान करना पड़ेगा।
बिजली कंपनियों ने की थी ये मांग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिजली कंपनियों ने बीते दिनों विद्युत नियामक आयोग के सामने 8.71 प्रतिशत तक की बिजली बढ़ाने की मांग की गई थी। इसको लेकर उन्होंने कि याचिका प्रस्तुत की थी जिसमें करीब 39 16 करोड रुपए का घाटा बताया गया था, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने केवल 1181 करोड़ रुपए का घाटा ही मंजूर करते हुए इस आदेश को जारी किया है। आदेश के अनुसार करीब 70 एक आपत्तियों का निराकरण किया गया है इसके बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है।
दरअसल विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की नई दरों को बढ़ाने से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इसका विरोध आपत्तिकर्ता डॉ. राजेंद्र अग्रवाल समेत कई आपत्तिकर्ताओं ने किया है। उनका कहना है कि विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जो आदेश जारी किया है उसमें साफ हो जाता है की उन्होंने सभी आपत्तियों का निराकरण नहीं किया जिससे आने वाले समय में यहां एक चुनौती के रूप में सामने आयेगी।