देश में अब नहीं होंगे सड़क हादसे, इन 3 स्कूली छात्राओं ने बनाया ये स्मार्ट चश्मा, ऐसे करेगा चालक को अलर्ट !

देश में इस समय सड़क दुर्घटनाओं के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और इसमें हर साल कई लोग अपनी जान गवा रहे, लेकिन सड़क हादसों के पीछे की बजा लंबे समय तक वाहन चलाने के बाद चालकों को झपकी आ जाती है और इसके चलते कई बार हादसे हो जाते है। इन हादसों को रोकने के लिए कुछ स्कूली छात्राओं ने स्मार्ट चश्मा तैयार किया है जो दुर्घटनाओं को रोकने में काफी कारगर साबित होगा। यह स्मार्ट चश्मा उन्होंने टीवी और अखबारों में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से सीख लेकर बनाया है। इस चश्मे को पहनने से अगर चालक को झपकी आएगी तो जोर-जोर से अलार्म बजने के साथ वाइब्रेशन करेगा और गाड़ी जब तक नहीं रुक जाएगी तब तक अलार्म बजता रहेगा इससे हादसे होने की उम्मीद बहुत कम हो जाएगी।

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दरअसल छत्तीसगढ़ के पिथौरा के संस्कार शिक्षण संस्थान व कन्या शाला की तीन छात्राएं तेजस्वी, पायल बरिहा और जीतिका इन तीनों ने मिलकर एक स्मार्ट चश्मा बनाया है। यह स्मार्ट चश्मा सड़क हादसों को रोकने में कारगर साबित होगा। ड्राइव करते समय अगर कोई चालक की झपकी लग जाएगी तो इसमें जोर-जोर से अलार्म बचेगा और वाइब्रेशन होने के साथ जब तक वाहन नहीं रुकेगा तब तक यह बचता रहेगा जिससे घटना होने से टल जाएगी।

नींद की झपकी आने पर जोर से बजेगा अलार्म

छात्राएं पायल, तेजस्वी और जीतिका की माने तो इन्होंने 3 महीने तक लगातार मेहनत के बाद इस स्मार्ट चश्मे को बनाया है। इसमें उन्हें संस्कार शिक्षण संस्थान के संचालक गौरव चंद्राकर का मार्गदर्शन मिला ।छात्राओं का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को चुनने का ख्याल उन्हें टीवी और अखबारों में नींद की झपकी से होने वाली दुर्घटनाओं से मिला है जिसके बाद उन्होंने इस तरह का का प्रोजेक्ट बनाया है जिससे आज कई दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सकता है।

इस चश्मे में एलईडी लाइट वाइब्रेशन सेंसर भजन आईआर सेंसर लगाई गई है जिसे गाड़ी चलाते समय चालक आसानी से पहन सकता है। अगर इस समय चालक को झपकी आएगी तो सेंसर डिटेक्ट कर देगा और जोर जोर से आलाराम बजने लगेगा। वहीं चश्मे में लगी एलईडी लाइट जल उठेगी और चालक सतर्क हो जाएगा। इससे जिस तरह इंसान हर मिनट में 15 बार अपनी पलकें झपकता है उसी तरह इस चश्मे की टाइमिंग भी सेट की गई है जिससे हादसा रोका जा सकता है।

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जानिए क्यों रखा नाम स्मार्ट चश्मा

दरअसल लड़कियों ने अपनी जानकारी में बताया कि उन्होंने नींद भगाने वाले चश्मे का अविष्कार करने में मदद शिक्षण संस्थान के संचालक गौरव चंद्राकर से मिली है। जिसके बाद उन्होंने इस तरह का स्मार्ट चश्मा तैयार किया है। इसका नाम उन्होंने स्मार्ट चश्मा इसलिए रखा है क्योंकि उन्होंने अपनी सोच को विस्तार देकर चश्मे में बदल दिया और परिणाम यह हुआ कि एक ऐसा चश्मा तैयार हुआ। इसमें अलार्म सिस्टम ड्राइव को झपकी आते ही अलग कर देगा। बरहाल इस चश्मे का उपयोग करने वाले चालकों के साथ अब दुर्घटनाएं नहीं होगी।