ठेले पर स्नैक्स बेचने वाले की बेटी बनी आईएएस ऑफिसर, एक कमरे वाले घर में बेटी ने लिखी अपनी किस्मत, जानें संघर्ष

यूपीएससी ने 2021 के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए है। इस परीक्षा में देश की तीन बेटियों ने टॉप किया है तो वहीं कई युवाओं ने सफलता हासिल कर अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। इस परीक्षा को पास करने के लिए युवाओं को काफी मेहनत करना पड़ती है तब कहीं जाकर इसमें सफलता मिलती है। इसके साथ ही एक-दो घंटे पढ़ाई करने से इसमें सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं, बल्कि 8 से 10 घंटे पूरी तरह किताबों में खुद को झोंकना पड़ता है तब कहीं जाकर अपनी मंजिल को पा सकते हैं। ऐसे में अब ठेले पर स्नैक्स वाले की बेटी ने यूपीएससी में सफलता हासिल की है और एक कमरे वाले घर में पढ़ाई कर आईएएस बनी है।

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स्नेक्स बेचने वाले की बेटी बनी आईएएस

दरअसल मंजिल को पाना हर किसी की ख्वाइश होती है, लेकिन यूपीएससी की परीक्षा को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इस परीक्षा में काफी मेहनत करना पड़ती है तब कहीं जाकर सफलता मिल पाती है। ऐसे में अब एक गरीब परिवार की बेटी जिसने यूपीएससी में टॉप करने के साथ-साथ अपने परिवार और जिले का भी नाम रोशन किया और आज सभी के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है। इस बेटी की सफलता के बाद अब उन्हें बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

25 साल से ठेले पर पिता बेच रहे सब्जी

यह कहानी राजस्थान के भरतपुर शहर की रहने वाली दीपेश कुमारी की है। जिनके पिता 25 साल से ठेले पर सब्जी और स्नेक्स बेचकर अपनी बेटी को पढ़ा रहे हैं। अब उसी बेटी ने यूपीएससी एक्जाम पास कर अपने पिता का नाम रोशन किया है। एक कहावत है कब रंग से राजा बन जाए कोई नहीं जान सकता है। ऐसे में अब दीपेश कुमारी की कहानी कुछ इसी तरह है। दीपेश कुमारी का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में जीत हासिल करने का सपना उनके पिता का था। उन्होंने अब इस परीक्षा में 93वीं रैंक हासिल की है जो टॉप हंड्रेड के अंतर्गत आती है।

1 छोटे से कमरे में बैठकर दीपेश ने की पढ़ाई

दीपेश कुमारी की सफलता के पीछे उनके माता-पिता का काफी सहयोग रहा है। उनके पिता ठेला चला कर फीस भरते थे। एक कमरे में रहकर दीपेश कुमारी ने पढ़ाई की उनके परिवार में 7 सदस्य के साथ विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए अथक परिश्रम के बाद इस सफलता को हासिल की है। जैसे ही पिता को अपनी बेटी की इस सफलता के बारे में पता चला कि वहां अब आईएएस ऑफिसर बन गई है, लेकिन इसके बावजूद दूसरे दिन पिता गोविंद ठेला लेकर निकल पड़े।

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10वीं में दीपेश कुमारी ने मारी थी बाजी

बता दें कि दसवीं की पढ़ाई दीपेश कुमारी ने राजस्थान के भरतपुर शहर के स्कूल शिशु आदर्श विद्या मंदिर से की थी ।वहां शुरू से ही पढ़ने में बहुत ही अच्छी रही है ।उन्होंने दसवीं में 98 प्रतिशत अंक और 12वीं में 89% अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली है वहां आईएएस ऑफिसर के रूप में सेवा देंगे।