इस शख्स के दोनों हाथ नहीं फिर भी नहीं खोया हौंसला, पैर से दी परीक्षा अब IAS बनने का है सपना

अगर इंसान के हौंसले बुलंदियों को छूने का जज्बा रखते हो तो रास्ते में कितनी भी मुसीबतें क्यों ना आ जाए पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे में कई युवा अपनी प्रतिभा और काबिलियत की बदौलत कई तरह के मुकाम हासिल कर रहे हैं। छोटी उम्र से कई बच्चों का सपना होता है कि वहां कुछ बड़ा हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन करेगा। ऐसे में अब हमें ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने हाथ नहीं होने के बावजूद यूपीएससी एक्जाम क्लियर करने का सपना देख लिया है। इतना ही नहीं पढ़ने की जीत और आईएएस बनने के सपने को पूरा करने के लिए उसने खुद को मजबूरियों से आगे झुकने नहीं दिया और लगातार मेहनत कर रहे है।

google news

हाथ नहीं पैरों से दे रहा परीक्षा

दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार के मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर नगर इलाके के संत टोला में रहने वाले नंदलाल की। जिनकी जिद्द आईएएस बनने की थी। ऐसे में उन्होंने खुद को मजबूरियों को आगे झुकने नहीं दिया और इतनी मेहनत की कि इस सफलता को हासिल की है। आरएस कॉलेज में ग्रेजुएशन की परीक्षा चल रही है। इसमें एक छात्र के हौंसले को हर कोई सलाम कर रहा है। अब उसकी चर्चा पूरे जिले भर में हो रही है ।दरअसल नंदलाल दिव्यांग है और दोनों पैर के सहारे परीक्षा दे रहा है, क्योंकि वहां अपने दोनों हाथ एक हादसे में गंवा चुका है। ऐसे में उसने अपने हौंसले को डगमगाने नहीं दिया है और बुलंदियों को छूने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

नंदलाल ने इस हादसे में गंवाए दोनों हाथ

दरअसल नंदलाल की कहानी बहुत ही इमोशनल कर देने वाली है। 2006 में बिजली के करंट लगने की वजह से उनके दोनों हाथ कट गए थे। इसके बावजूद भी उन्होंने बिना हताश हुए अपने लक्ष्य को सादा रखा। इसमें उनके दादाजी ने काफी हिम्मत दी और पैर से लिखना सिखाया। इसके बाद नंदलाल ने काफी मेहनत की और हमेशा आगे बढ़ते रहे। वहां b.a. पार्ट वन की परीक्षा आरएस कॉलेज तारापुर में दे रहे हैं। उनके पिता अजय सहाबी एक छोटी दुकान चलाते हैं। हमेशा गरीबी में रहे नंदलाल ने अपने हौंसलो के दम पर पढ़ाई की है।

एसडीओ ने नंदलाल को किया सम्मानित

बता दें कि नंदलाल में हौंसला इतना है कि उन्होंने अपनी काबिलियत की बदौलत 2017 में मैट्रिक प्रथम श्रेणी से पास की ।तत्कालीन एसडीओ संजीव कुमार ने 100000 की राशि देकर उन्हें सम्मानित किया गया। b.a. करने के बाद बीएड की पढ़ाई करने का है। इसके बाद उनका आईएएस बनने का लक्ष्य है। नंदलाल की आर्थिक स्थिति कमजोर है परिवार गरीबी में जीता है। इसके बावजूद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और मुकाम को पाने की लालसा को ध्यान रखा है।

google news

2019 की इस परीक्षा में मिली सफलता

इसके साथ ही उन्होंने 2019 में इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की इसमें 500 अंकों में से 325 अंक प्राप्त हुए। जिसमें गणित में 7 रसायन में 73 और भौतिक में 67 अंक प्राप्त किए। इसके अलावा 2022 में ग्रीन सन में अर्थशास्त्र की परीक्षा भी पैरों के सहारे दे रहे हैं। अब उनका सपना आईएएस ऑफिसर बन कर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना है।