महाकाल की तर्ज पर बनेगा रणजीत हनुमान का गर्भगृह, 190 साल पुरानी सागवान की लकड़ी से बनेगा द्वार, ये कलाकार उकेरेंगे रामायण के प्रसंग

इंदौर के बीच में प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर में यूं तो हर दिन बाबा के भक्तों की भीड़ लगी रहती है। मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। वहीं रंजीत अष्टमी पर हर साल निकलने वाली बाबा रंजीत प्रभात फेरी में लाखों की संख्या में भक्तों पहुंचते है और बाबा के जयघोष से पूरा नगर गुंजायमान हो जाता है। इसी बीच रंजीत हनुमान को उज्जैन बाबा महाकाल के मंदिर की तर्ज पर सवारने का काम किया जाएगा। बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर की तर्ज पर रंजीत हनुमान मंदिर का 300 किलो चांदी से गर्भगृह बनाने के साथ ही द्वार भी बनाया जाएगा। इस गर्भगृह और द्वार को बनाने के लिए राजस्थान चूरू के कारीगर मानिकचंद जांगिड़ को बुलाया जाएगा। इस मंदिर में गोपाल मंदिर से निकली सागवान की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा।

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300 किलो चांदी से बनेगा गर्भगृह

दरअसल इंदौर के विश्व प्रसिद्ध रणजीत हनुमान को अब संवारने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें रणजीत हनुमान के गर्भगृह को उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर 300 किलो चांदी से बनाया जाएगा। इसका काम 3 अप्रैल से अभिजीत मुहूर्त में शुरू किया जाएगा। इसके साथ गर्भगृह के 5 बाय 15 के द्वार में 15 किलो से ज्यादा चांदी का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही इस मंदिर में आकर शादी भी की जाएगी। जिसमें राजस्थान के चूरू से बुलाए गए कारीगर मानिकचंद के द्वारा नए स्वरूप की डिजाइन मंदिर में बनाई जाएगी ।

राजस्थान के चुरु से आने वाले कारीगर माणिकचंद का कहना मंदिर के गर्भगृह के द्वार बनाने में करीब 100 किलो चांदी लगेगी। वहीं उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह के द्वार में करीब 150 किलो चांदी लगी थी। इतना ही नहीं कारीगर का कहना है कि मंदिर के अंदर रामायण के प्रसंग भी उकेरे जायेंगे जो भक्तों को मंदिर की परिक्रमा करते दौरान दिखाई देंगे। अभी तक देखा जाए तो मंदिर के चारों ओर जाली लगी हुई है, लेकिन अब यहां पर सागवान की लकड़ी पर चांदी से गर्भगृह बनाया जाएगा। बता दें कि रणजीत हनुमान का 10 फीट गहरा होने के साथ ही 10 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा है अभी से संवारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।

इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में करीब 300 घन मीटर सागवान की लकड़ी लगेगी जो गोपाल मंदिर से ली जाएगी ।बता दें इंदौर का दिल कहलाने वाले राजवाड़ा के पास गोपाल मंदिर बना मंदिर का निर्माण 1832 में हुआ था और यहां हजारों सागवान की लकड़ी लगी थी। रंजीत हनुमान को संवारने का काम तेजी से शुरू हो रहा है। इसका शुभारंभ 3 अप्रैल से शुरू होगा।

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