रक्षाबंधन पर दिखा भाई-बहन के बीच का अनूठा प्रेम, शहीद भाई को राखी बांधने हर साल 800 किमी दूर से आती है बहन, दिल छू लेगी कहानी

देशभर में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इस मौके पर एक बहन ने अपने भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना की है। इसी बीच अब राजस्थान के फतेहपुर की एक बहन जो कि हर साल अपने शहीद भाई को राखी बांधने के लिए रक्षाबंधन के मौके पर 800 किलोमीटर की यात्रा कर आती है। 17 साल पहले उनके भाई शहीद हो गए थे इसके बाद उस की प्रतिमा को राखी बांध रही है। रक्षाबंधन को भाई और बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक माना जाता है। इसी प्यार को निभाने के लिए एक बहन अपने शहीद भाई को राखी बांधने के लिए 800 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर आती है।

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17 साल पहले शहीद हुए थे धर्मवीर सिंह

दरअसल हम जिस शहीद धर्मवीर सिंह की बात कर रहे हैं वहां करीब 17 साल पहले शहीद हो गए थे, लेकिन आज मूर्ति के रूप में अपनी बहन के लिए उनके दिलों में जिंदा है। शहीद धर्मवीर सिंह की बहन उषा ने बताया भाई से प्यार का बंधन तो हमेशा दिलों में रहेगा। यही कारण है कि भाई के शहीद होने के 17 वर्ष बाद भी उसकी प्रतिमा को राखी बांधना नहीं भूली है। रक्षाबंधन के मौके पर भाई को याद करते हुए कहा हकीकत में तो नहीं लेकिन यादों में वह जिंदा है। देश सेवा में शहीद हुए भाई के लिए यह प्रेम लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है।

2005 में आतंकी हमले में हुए थे शहीद

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान फतेहपुर के दीनवा लड़खानी गांव के शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की बहन उषा कवंर 17 साल से शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए 800 किलोमीटर यानी कि अहमदाबाद से आती है ।उनका कहना है भाई ने देश सेवा के लिए अपनी कुर्बानी दी। सच में वह जिंदा नहीं है, लेकिन हमारे दिल में आज भी जिंदा है। शनिवार को शहीद धर्मवीर के प्रतिमा को राखी बांधी तो वहां भावुक होकर रोने लगी। धनवीर सिंह कश्मीर के लाल चौक में तैनात थे। 2005 में हुए आतंकी हमले में वहां शहीद हो गए थे। यह कहानी अकेले दिनवा गांव की नहीं बल्कि पूरे शेखावाटी की है।

800 किमी का सफर तय कर बांधने आती है राखी

रक्षाबंधन के मौके पर उनकी बहन उनकी प्रतिमा पर राखी बांधने के लिए आती है। दीनवा लड़खानी को वैसे भी शहीदों का गांव कहा जाता है ।गांव में 3 शहीदों की प्रतिमाएं लगी हुई है ।उन्हें देख कर आज भी हजारों युवा सेना में जाने का सपना संजोए बैठे रहते हैं। ऐसे में धनवीर सिंह सभी युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए उनकी बहन उन्हें राखी बांधने के लिए 800 किलोमीटर का सफर कराती है। यह पहली बार नहीं है करीब 17 सालों से उन्हें राखी बांधने के लिए अहमदाबाद से पहुंचती है।

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