मध्यप्रदेश के इस कलाकार ने लता मंगेशकर को दिया जन्मदिन का तोहफा, बनाई ऐसी पेंटिंग्स दर्ज हुआ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम

स्वर कोकिला लता मंगेशकर जो भले ही अब इस दुनिया में नहीं हो लेकिन आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया था। आज वहां इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी सुरीली आवाज लोगों के दिलों में बसती है। ऐसे में लता मंगेशकर का 92वां जन्मदिन 28 सितंबर को देश भर में मनाया जा रहा है। इस मौके पर हम लता दीदी से जुड़ी हुई कुछ ऐसी अनकही दास्तां और पेंटिंग्स के बारे में बता रहे हैं।

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11 साल की उम्र में गाना किया था शुरू

लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में हुआ था। 1940 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और 11 साल की उम्र में उन्होंने गाना शुरू किया था। उनका सफर बहुत ही लंबा रहा है लेकिन बीमारी के चलते उन्होंने 6 फरवरी 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। हर वक्त लोगों की जुबां पर उनके गाने रहते हैं । उनके जन्मदिन पर हर कोई उन्हें अपने तरीके से याद कर रहा है ।ऐसे में मध्यप्रदेश के जबलपुर के एक ऐसे फैन के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने लता जी को याद करते हुए एक बेहतरीन पेंटिंग तैयार की है।

इस कालाकार ने लता दीदी की बनाई शानदार पेटिंग्स

लता मंगेशकर का जन्मदिन देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई लोग उनके जन्मदिन पर उन्हें अलग अंदाज में याद कर रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के एक शख्स ने लता मंगेशकर की पेंटिंग्स बनाई है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। यह पेंटिंग इतनी शानदार है कि पूरे एशिया में इसके जैसी कहीं पेंटिंग्स नहीं है। इस कला के कारण इस कलाकार का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर की अब तक हमने कई तस्वीरें देखी है, लेकिन रामकृपाल रामदेव ने लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं की तस्वीरों को इकट्ठा करके एक बड़ी पेंटिंग्स बनाई है।

11 महीने में तैयार की ये शानदार पेटिंग्स

पेंटिंग्स में लता मंगेशकर की 1436 छोटी-छोटी तस्वीरें लगी हुई है जो उनके जीवन की कई घटनाओं का ब्यौरा प्रदान कर रही है। बचपन से लेकर जवानी और फिर बुढ़ापे तक हर तस्वीर इस पेंटिंग में नजर आ रहा है। एक झलक देखने पर आपको यह सिर्फ लता जी की एक पेंटिंग नजर आएगी, लेकिन जब इस की ओर ध्यान आकर्षित करेंगे तो 1436 छोटे-छोटे फोटो आपको इस तस्वीर के अंदर आ जाएंगे। रामकृपाल को 11 महीने का वक्त इस तस्वीर को बनाने में लगा। आखिरकार अब उनका नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है।

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