मध्यप्रदेश के इस शख्स को मिली बिना जुर्म 4740 दिन की सजा, अब हाईकोर्ट ने सरकार को दिया 42 लाख मुआवजा देने का आदेश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए एक निर्दोष को बाइज्जत बरी किया है, बल्कि व्यक्ति को उस व्यक्ति को 42 लाख रुपए मुआवजा सरकार को देने का आदेश दिया है। मामला बहुत ही हैरान करने वाला है जब एक निर्दोष व्यक्ति को 4 हजार 740 दिन बिना किसी जुर्म के जेल में सजा काटनी पड़ी थी। हालांकि अब कोर्ट ने उस व्यक्ति को बाइज्जत बरी कर दिया है। हाई कोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरण और जस्टिस सुनीता यादव की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की है जिसमें वहां निर्दोष पाया गया है।

google news

दरअसल गुरुवार को हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरण व जस्टिस सुनीता यादव ने कहा कि द्वेषपूर्ण अभियोजन के कारण उस व्यक्ति का पूरा जीवन अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। उसने जेल में रहते हुए 4740 दिन काटे हैं। अब सरकार को 42 लाख रुपए का मुआवजा देना होगा ।इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को 90 दिनों के अंदर देने का आदेश दिया है। वहीं सालाना 9 फ़ीसदी ब्याज भी देना पड़ेगा ।उस व्यक्ति की जितना भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई अब सरकार को करना होगी।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल 19 अगस्त 2018 में बालाघाट निवासी चंद्रेश मर्सकोले पर अपनी प्रेमिका की हत्या और उसके शव को नदी में फेंकने का आरोप लगा था । इसके बाद राजधानी भोपाल की कोर्ट ने 31 जुलाई 2009 को चंद्रेश को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुना कर जेल भेज दिया, जबकि चंद्रेश एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था ।इस घटना के दिन उसने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर हेमंत वर्मा से होशंगाबाद जाने के लिए गाड़ी ली थी। यहीं से कहानी शुरू हुई और चंद्रेश पर उसकी प्रेमिका की हत्या का आरोप लगाकर उसे जेल भिजवा दिया है।

दरअसल इस मामले में गुनाहगार डॉ. हेमंत परमार जिन्होंने अपनी प्रेमिका को मार्कर चंद्रेश को झूठे केस में फंसा दिया था। पीड़ित का यहां भी कहना है कि डॉक्टर वर्मा और तत्कालीन आईजी भोपाल रेंज शैलेंद्र श्रीवास्तव के अच्छे तालुका थे। जिसकी वजह से उन्होंने आईजी को पत्र लिखा और फोन पर भी संपर्क किया था। कोर्ट ने कहा कि पूरे प्रकरण का अवलोकन करने के बाद यह बात उजागर हुई। हालांकि इस मामले में कोई भी चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया है। आत्महत्या की वजह भी सामने नहीं आ पाई है इसकी वजह से अब पीड़ित को बाइज्जत बरी भी कर दिया गया है।

google news