ट्रेन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी, आखिर किसके पास होता है विंडो सीट पर बैठने का अधिकार, जानिए
रेलवे यात्रियों की सुविधा के अनुरूप कई तरह के नियम बनाते हैं। अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको रेलवे द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। कई लोगों को रेलवे के द्वारा बनाए गए नियम के बारे में नहीं पता होता है, लेकिन हम आपको रेलवे के कुछ नियम बता रहे हैं जिसमें स्लीपर एसी कोच की अगर बात करें तो यहां सीट लोअर मिडिल या अवसर के आर्डर में होती है, लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है। विंडो सीट पर बैठने का अधिकार किसके पास होता है। कई लोगों को नहीं पता होता है, लेकिन आज हम आपको इसके बारे में कुछ बताने जा रहे हैं।
जान लीजिए लोअर और मिडिल क्लास के नियम
अक्सर आपने देखा है जब भी आप ट्रेन में सफर कर रहे होते हैं तो कुछ नियमों के बारे में नहीं पता होता है। आज हम आपको विंडो सीट पर बैठने का हक किसके पास होता है। इस नियम के बारे में बताने जा रहे हैं। कोच में लोअर और मिडिल क्लास के लिए भी अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। आइए विंडो सीट पर बैठने का अधिकार के बारे में जान लेते हैं।
दरअसल स्लीपर और एसी कोच की विंडो सीट के बारे में टिकट पर जानकारी नहीं होती । विंडो जहां होती है वहां पूरी लोअर सीट मानी जाती है। ऐसे में यह कैसे डिसाइड होता है कि विंडो सीट पर कौन बैठेगा। विंडो सीट पर बैठने का एलोकेशन चेयर कार में होता है। यह स्लीपर कोच में नहीं पाया जाता है।
विंडो सीट पर कौन बैठेगा और कौन नहीं। दरअसल इन कोच में सीट एलोकेशन अलग तरह से होता है। रेलवे की तरफ से स्लीपर एसी में विंडो सीट पर बैठने का कोई खास नियम नहीं बनाया गया है। यह म्यूच्यूअल होता है कि कौन कहां बैठेगा। ऐसे में पैसेंजर अपने हिसाब से कहीं भी बैठ सकता है और सीट में विंडो की तरफ परलोव सीट वाले यात्री का अधिकार होता है। इसी तरह बीच में मिडिल बर्थ वालों की तरफ सीट वाला बैठता है। लोअर सीट पर बैठने का अधिकार सिर्फ दिन में होता है। रात के समय 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यात्री को अपनी सीट पर सोने का अधिकार भी होता है।