जज्बे को सलाम: पति को आया पैरालिसिस अटैक तो गैराज मैकेनिक बनी दो बच्चों की मां, 12 घंटे करती है मेहनत
Inspirational Story of Poonam: बदलते दौर के साथ लोगों की सोच और काम करने के तरीके भी लगातार बदलते जा रहे हैं आज के समय में पुरुष और महिलाओं में कोई अंतर देखने को नहीं मिलता है। जिस पोस्ट पर पुरुष कार्यरत है उसी पोस्ट पर महिला भी कार्य करती हुई नजर आती है। आज हर एक सेक्टर में आपको महिला काम करती हुई नजर आती है। नहीं तो एक समय ऐसा भी था जब महिलाएं घरों में रहकर बच्चों की देखभाल और चूल्हा चौका संभाला करती थी। लेकिन आज के समय में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है।
आज आपको हर एक देखकर में महिलाएं अच्छा कार्य करती हुई नजर आ जाएंगे आज हम इस आर्टिकल में आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनकी कहानी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। वहां उन महिलाओं के लिए एक से कम नहीं है जो की हिम्मत हार कर जीने की राह को छोड़ देते हैं। दरअसल बात करने जा रहे हैं गाजियाबाद के पटेल नगर में रहने वाली 35 वर्षीय पूनम की जो इन दिनों अपने काम को लेकर काफी ज्यादा चर्चाओं का विषय बनी हुई है। बता दें कि पूनम टू व्हीलर सुधारने का काम करती है जो कि ज्यादातर पुरुष द्वारा ही किए जाते हैं।
परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
पूनम आज अपने पूरे घर का खर्चा अपने दम पर चलाती है बता दें कि कुछ समय पहले उनके पति को पैरालिसिस का अटेक आ गया। जिसकी वजह से उनके शरीर का एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया इसके बाद घर चलाने के लिए पूनम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा पूनम दो बच्चों की मां है। ऐसे में उनको पढ़ाना उनको खिलाना घर चलाना बहुत कुछ जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गई थी। ऐसे में पूनम ने भी हार ना मानते हुए गाड़ी सुधारने के लिए गैराज की दुकान खोली और अपने पति से गाड़ी सुधारने के बारे में जानकारी हासिल की आज पूनम गाड़ी सुधार कर अपने घर का खर्चा भी चलाती है, और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दे रही है और लोगों के लिए मिसाल बनी हुई है।
#गाजियाबाद की पूनम के हौसले और जज्बे को सलाम।
— Zuber Akhtar (@Zuber_Akhtar1) October 24, 2021
पति को बोन टीबी हो गई,एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया,नौकरी छूट गई।
ऐसे हालात में परिवार की जिम्मेदारी उठाई पूनम ने। अब पूनम बाईक रिपेयर की दुकान चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रही है।@WomenintheWorld#करवा_चौथ#womenempowerment pic.twitter.com/pO2b0byGEe
बाईक मैकेनिक है पूनम
अपनी जर्नी के बारे में बताते हुए पूनम ने कहा कि एक समय उनके पति मैकेनिक का काम निजी कंपनी में किया करते थे। लेकिन देश में फैली महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पति की नौकरी चली गई। जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब हो गई ऐसे में बच्चों को पालने वह घर का खर्चा चलाने के लिए उन्होंने गिराज खोलने का मन बनाया। लेकिन किस्मत को और कुछ ही मंजूर था अचानक राजेश को पैरालिसिस का अटैक आया और उनके शरीर ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद घर की स्थिति और ज्यादा खराब होती चली गई ऐसे में पूनम ने ही अपने पति की सहायता से गैराज की दुकान खोली आज वह अपने पति की मदद से गाड़ी सुधारने का काम करती है और धीरे-धीरे घर की स्थिति भी सुधर रही है।
पूनम ने इस विपरीत परिस्थिति में हार नहीं मानी और पति के दिमाग की सहायता लेते हुए गाड़ी सुधारने का काम भी सीखा साथ में अपने बच्चों को भी स्कूल छोड़ना उन्हें खाना खिलाना उन्हें तैयार करना सब कुछ काम अकेले ही किया और आज वाह दो वक्त की रोटी के साथ अपने बच्चों की भी परवरिश कर रही है साथ ही अपने पति की भी सेवा कर रही है। पूनम की यह कहानी उन महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है जो कि परिस्थिति विपरीत होने पर सब कुछ त्याग देती है। आज पूनम गाड़ी सुधारने में इतनी ज्यादा एक्सपर्ट हो गई है कि एनजीओ का काम करने से लेकर हर बारीक से बारीक काम वह गाड़ी का कर देती है। आज उनके घर की स्थिति भी काफी सुधार चुकी है।