मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज ने की बड़ी घोषणा, सरपंचों को वापस मिले ये अधिकार

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए सरपंचों को पुनः वित्तीय अधिकार दिया गया है। वही भिंड जिले में सीएम शिवराज की घोषणा पर सरपंचों ने आभार जताते हुए कहा की अब गांव के विकास कार्य को प्रगति मिलेगी।

google news

पंचायत राज व्यवस्था 2014 में चुने हुए ग्राम सरपंचों को वित्तीय अधिकार दिए जाने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश सरपंच संघ जिला अध्यक्ष रामेंद्र सिंह रामू एवं सभी सरपंचों ने आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया,पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र बरुआ सहित भा.ज.पा. प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी से सरपंचों को पुनः वित्तीय अधिकार देने की मांग की थी जिसमें विशेष रुचि लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष बात रखी थी, जिसे सोमवार को प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरा किया है।

मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों की प्रशासकीय समिति​यों से लिए गए प्रशासकीय अधिकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें वापस दे दिए है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पंचायतों की प्रशासकीय समितियों और उनके प्रधानों को किया । इस दौरान पंचायतों की प्रशासकीय समितियों और उनके प्रधानों प्रशासकीय अधिकार सौंप दिया है।

दरअसल ये अधिकार मिलने के बाद अब पंचायतों का संचालन करना आसान हो जायेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रशासकीय समितियों और उनके प्रधानों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर ये प्रशासकीय अधिकार वापस दिए जा रहे है जिससे सभी मैदान में उतरकर अच्छे से काम कर सकेंगे।

google news

सीएम का कहना है कि इसके लिए लोकतंत्र में निर्वाचित प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होता है। अस्पताल की व्यवस्थाओं का जिम्मा और कोरोना की टेस्टिंग प्रशासन है ​इसमें प्रशासकीय समितियों और उनके प्रधानों से ​सहयोग करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ​गांव गांव में ​नजर रखी जाये और किसी को भी अगर सर्दी खांसी है तो उसकी तुरंत जांच करवाई जाए। वहीं मध्यप्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण को लेकर सीएम ने कहा कि जो बच्चे टीका लगवाने के लिए नहीं आ रहे है उनके लिए व्यवस्था कर टीका लगाया जाए।