इंदौर के चिड़िया घर में मोती हाथी का दिखा अलग अंदाज, दर्शकों को पत्थर फेंकर मारता है हाथी, प्रबंधन ने लगाया ये बोर्ड

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में इन दिनों इकलौता हाथी मोती है, जिसका एक अलग ही अंदाज सोमवार को देखने को मिला ।दरअसल इंदौर के चिड़ियाघर में स्थित हाथी मोती लोगों पर पत्थर फेंकते नजर आया है। हाथी की शरारत से सचेत रहने के लिए बाकायदा जू प्रबंधन ने सूचना बोर्ड भी लगा दिया है। लोग जब भी इसके सामने जाते हैं तो वहां उन पर पत्थर फेंकता है। हाथी को पत्थर फेंकते देखने के लिए लोगों की भीड़ घंटों वहां जमा रहती है। बारिश थमने के बाद रविवार को हजारों लोग चिड़िया घर पहुंचे।

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DJEchidiya ghar me haathi ne diwari todi……photo nilesh holkar

चिड़िया में मौजूद है कई तरह के जानवर

इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में इन दिनों मोती हाथी की शरारतें देखने को मिल रही है। हाथी जू में आने वाले दर्शकों पर पत्थर फेंकते हुए नजर आ रहा है। रविवार को इंदौर के चिड़ियाघर में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे लोगों की संख्या अधिक होने की वजह से जो प्रबंधन की तरफ से लोगों को लाइन लगाकर बारी-बारी से अंदर भेजा गया है। चिड़ियाघर में बाघ, चीता, शेर, हिमालय भालू, कृष्ण मृग, हाथी और मगरमच्छ समेत कई जानवर है। इसके अलावा यहां पर ऑस्ट्रेलियन तोता लोगों को देखना सबसे अधिक पसंद आता है।

चिड़िया घर में 600 से अधिक हैं प्राणी

इंदौर के चिड़ियाघर में अब जानवरों का कुनबा बढ़ने लग गया है। जानकारी के अनुसार प्राणी संग्रहालय में 637 प्राणी हो चुके हैं। पिछले साल के मुकाबले तादाद बढ़ी है। 2010 में प्राणी का कुनबा बढ़ने की शुरुआत हुई थी ।लगातार यहां पर बाघ श्यामू और चीता ने तीन मादा शावकों को जन्म दिया है। बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ।12 साल में 28 बाघ में 8 साल में 21 शेरों का जन्म हुआ है।

दरअसल जू के कोआर्डिनेटर निहार फूल लेकर ने बताया कि हाथी के बारे के सामने लोगों की सुरक्षा को लेकर सूचना बोर्ड लगा दिया गया है ।जू में दो.तीन साल पहले मादा हाथी का निधन हो चुका है। अब ऐसे में अकेला मोती रह गया है इसके बाद कोई भी हाथी जू में नहीं आया है। वही इसे और कहीं शिफ्ट करने के लिए जो प्रबंधन ने विभाग को पत्र भी लिख दिया है।

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