स्कूल बंद करने के खिलाफ फिर बुलंद आवाज, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन शिवराज सरकार से की ये मांग

मध्यप्रदेश में महामारी के बढ़ते आंकड़ो के बीच शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों को 30 जनवरी तक बंद करने के निर्देश दिए है। सीएम शिवराज के इस आदेश का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। बुधवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सीएम के स्कूलों के बंद करने के निर्णय को विरोध किया और कहा कि अचानक स्कूलों के बंद करने का हम पुरजोर विरोध करते है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में लगातार कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। बढ़ते संक्रामण के बीच शिवराज सरकार ने 15 जनवरी से 30 तक कक्षा 1 से 12 वीं तक के स्कूलों को बंद कर दिया है। एसोसिएशन के गोपाल सोनी और अभिषेक शिंदे ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लगभग 18 महीने से स्कूल बंद होने पर छात्र लिखना-पढ़ना भूल गए थे अगर फिर से स्कूल बंद हो गए तो उनकी वापस स्थिति खराब हो जायेगी। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे तैसे बच्चों को कोरोना के बाद ट्रैक पर लेकर आए थे, लेकिन फिर स्कूल बंद हो गए है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ऑनलाइन क्लास के मामले में बताया कि हर बच्चा एंड्रॉइड मोबाइल नहीं खरीद सकता है। ऑनलाइन क्लास ने गरीब और अमीर बच्चों के बीच विभाजन पैदा कर दिया है। इसकी हम निंदा करते हैं और यह राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। मॉल्स और नाट-चौपाटी धड़ल्ले से चल रहे हैं, जहां बच्चे आ-जा रहे है। शिक्षा से छात्रों को वंचित कर सरकार विद्यार्थियों के साथ अन्याय कर रही है। वर्तमान हालात में कॉलेज, ट्यूटोरियल प्वाइंट, हाट बाजार, किंतु सरकार विद्यालय को टारगेट कर बार-बार बंद करती रही है।

सरकार के आदेश से असंतुष्ट एसोसिएशन

वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि शिवराज सरकार के स्कूल बंद करने के आदेश से संचालक, अभिभावक और छात्र—छात्राएं असंतुष्ट है। बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को वापस खोलने के आदेश जारी करने चाहिए जिससे बच्चों के भविष्य को बिगड़ने से बचाया जा सके। इसी के साथ ही एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना गाइड लाइन के अनुसार स्कूल संचालित किए जायेंगे।

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CM Shivraj

कोर्ट ने कालेज परीक्षा आॅफलाइन के दिए आदेश

बता दें कि इंदौर की देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में आॅनलाइन परीक्षा कराने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगा रखी थी। इस मामले में मंगलवार को कोर्ट ने आॅफलाइन परीक्षा कराने की बात कही है। इसी के साथ ही गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने भी अपने बयान में कहा ​था कि परीक्षाए आॅफलाइन मोड में ही होगी। बच्चों की एक बार की संख्या 300 होती है उनको गाइड लाइन के अनुसार बैठाया जायेगा। इसी के साथ ही 12 वी और 10 वी के विद्यार्थियों की परीक्षा बच्चों को घर बैठकर देने के निर्देश दिए है।