इंदौर के सभी प्रमुख मंदिर जल्द होंगे सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त, खजराना गणेश मंदिर में शुरू होगी ये पहल

देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बेन लगने के बाद सभी धार्मिक स्थलों और मंदिरों में भी प्लास्टिक मुक्त चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में नगर निगम के द्वारा एक पहल शुरू की जा रही है जिसके तहत इंदौर के सभी मंदिर सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे से मुक्त हो जाएंगे। सबसे पहले इस पहल की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में की जा रही है। बता दें कि इस मंदिर में अब लोगों को बांस की टोकरी में फूल, प्रसाद और नारियल दिया जाएगा तो वहीं दुकानदारों के द्वारा मूर्तियों पर लगी प्लास्टिक को हटा दिया जाएगा। यानी कि अब इस मंदिर में कहीं भी प्लास्टिक का यूज नहीं किया जाएगा।

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मंदिरों में बेन होगी सिंगल यूज प्लास्टिक

इस मामले में इंदौर के आईएमसी के अतिरिक्त आयुक्त संदीप सोनी ने बताया कि वहां सभी प्रकार के सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल को अनिवार्य रूप से प्रतिबंध करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत खजराना गणेश मंदिर से की जा रही है। मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों और दुकानदारों के साथ प्रसाद और पूजा की वस्तुओं के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को रोकने पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है। 31 दिसंबर से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम पर प्रतिबंध लगाने की संभावना है। उनका कहना है कि आईएमजी ने भी काम शुरू कर दिया है। सभी प्रकार के डिस्पोजल प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता पैदा करना भी शुरू कर दी है।

खजराना मंदिर में शुरू होगी ये पहल

आयुक्त संदीप सोनी ने कहा कि खजराना गणेश मंदिर में इस पहल की शुरुआत अगस्त से होगी। कागज और जूठ के ठेलों से सभी प्रकार के डिस्पोजल, प्लास्टिक जैसे सजावट के सामान, कैरी बैग, अगरबत्ती व अन्य उपयोग बंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर परिसर में करीब 50 दुकानें हैं और प्रतिदिन 50 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा मंदिर से निकलता है। बड़ा गणपति, रणजीत हनुमान, व शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी इस पहल की शुरुआत की जाएगी। आईएमसी अब निगम के आवेदन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा

1 अगस्त से इन मंदिरों में होगी शुरूआत

गौरतलब है कि 1 अगस्त से इंदौर के सभी प्रमुख मंदिरों में सिंगल उस प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। ऐसे में मंदिर में कहीं भी किसी भी तरह की प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों को प्लास्टिक की टोकरी नहीं बल्कि बांस की टोकरी में फूल, अगरबत्ती और नारियल का प्रसाद रख कर दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो आगामी समय में देश पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा।

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