शहर के मध्य बाजारों में अब वाहन खड़े करने की नहीं होगी समस्या, स्मार्ट सिटी के तहत बनाई जा रही मैकेनाइज्ड पार्किंग

इंदौर शहर में इस समय ट्रैफिक का दबाव अधिक बढ़ गया है। बाजारों में आलम यह है कि वाहनों के निकलने के अलावा खड़े करने की भी जगह नहीं बची है। ऐसे में यहां पर पैदल चलने वालों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए अब राजवाड़ा और उसके आसपास के बाजारों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है ।स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसको लेकर टेंडर भी जारी कर दिया है ।वहीं वीर सावरकर मार्केट में पहले रोबोटिंग पार्किंग बनाने की प्लानिंग की गई थी, लेकिन अब तकनीकी रूप से यहां पार्किंग नहीं बन सकती है ऐसे में मैकेनाइज्ड पार्किंग बनाई जाएगी।

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वाहन चालकों के लिए बनाई जायेगी पार्किंग

दरअसल इंदौर शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक और पार्किंग बनी हुई इन समस्याओं को दूर करने के लिए अब लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य बाजारों और मार्गों पर पार्किंग नहीं होने की वजह से सड़क के दोनों और वाहन जमा हो जाते हैं । इससे वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पार्किंग की समस्या को देखते हुए कई बार जिला प्रशासन और नगर निगम और पुलिस ने मिलकर प्लानिंग भी बनाई। मगर किसी भी तरह की सफलता हाथ नहीं लगी ।ऐसे में एक बार फिर पार्किंग की समस्या को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में राजवाड़ा और आसपास के बाजारों में वाहन खड़े करने के लिए पार्किंग बनाई जाएगी।

इस जगह बनाई जायेगी मैकेनाइज्ड पार्किंग

नगर निगम में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राज्य और आसपास के बाजारों में कहीं मैकेनाइज्ड तो कहीं मल्टी लेवल पार्किंग बनाने की कार्य योजना का टेंडर बुलाना शुरू कर दिया। वहीं वीर सावरकर मार्केट में मुंबई के तर्ज पर रोबोटिक पार्किंग बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए थे ।मगर मंजूर होने के बजाय निरस्त कर दिए गए। कारण तकनीकी रूप से रोबोटिंग पार्किंग ना बनना बताया जा रहा है।इसके लिए वीर सावरकर मार्केट में वोटिंग की जगह मैकेनाइज्ड पार्किंग मनाई जा रही है।

जानिए कितनी लागत में बनेगा ये पार्किंग

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीर सावरकर बाजार में मैकेनाइज्ड पार्किंग 172400000 की लागत से बनाई जाएगी। इसके साथ ही 200 कारें और 70 दोपहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। यह पार्किंग 11000 वर्ग फीट में बने पार्किंग बनाने का ठेका लेने वाली कंपनी को 15 महीने में काम पूरा करना होगा ।इसके अलावा 5 वर्ष तक ऑपरेटिंग और मेंटेनेंस का ठेका भी पार्किंग बनाने वाली कंपनी का ही रहेगा।

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