मध्यप्रदेश में इस जगह बन रहा अटल संग्रहालय, जिस स्कूल ने अटल जी को गढ़ा, अब वहीं संजोई जाएंगी उनकी यादें, देखें तस्वीरें

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जिनके कार्यों को भला कौन भूल सकता है। स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जिन्होंने देश में ऐसे काम किए हैं जिनसे आज पूरा देश याद कर रहा है। लोगों के जीवन में उनकी यादें हमेशा तरोताजा रहे इसके लिए उनकी याद में कई तरह के काम किए जा रहे हैं। इसी बीच हम आपको अटल बिहारी वाजपेई के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के शासकीय गोरखी स्कूल के बारे में जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व को घड़ा और निखारा अब वहीं उनसे जुड़ी यादों को आकार दे रहा है।

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इतने करोड़ में बनाया गया अटल संग्रहालय

दरअसल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन ने इस स्कूल में अटल संग्रहालय तैयार किया है। अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व और उनके जीवन से जुड़ी यादों को संजोने के लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन ने उनकी यादों से जुड़ी अटल संग्रहालय तैयार किया है। इसमें करीब 7 करोड रुपए की लागत आई है, जहां स्कूल भवन के जीर्णाेद्धार के साथ ही संग्रहालय की 6 गैलरिया तैयार की गई है जिसमें अटल बिहारी वाजपेई के जीवन से जुड़ी कुछ विशेष तस्वीरें लगाई गई है। उसके साथ ही इसमें शेविंग किट, तोलिया जैसी निजी वस्तुओं को भी प्रदर्शित किया गया है।

इस स्कूल से अटल बिहारी किया अध्ययन

गौरतलब है कि स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने शासकीय गोरखी स्कूल में 1935 से 1938 तक कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाई की थी। यहां स्कूल महाराज वाडा में स्थित है। जिसमें अब अटल संग्रहालय करीब तैयार हो चुका है और जहां लोगों ने अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली निजी वस्तुओं सहित उनसे जुड़ी स्मृतियों को स्मार्ट सिटी के अफसरों के हवाले किया है। इन वस्तुओं को संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित करने के लिए रखा गया है। वहीं राजधानी दिल्ली समेत ग्वालियर और प्रदेश के कई शहरों के लोगों ने अटल बिहारी से जुड़ी वस्तुओं को म्यूजियम में रखने के लिए दान की है। इसके साथ ही सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने भी अटल जी द्वारा हाथ से लिखें गए पोस्टकार्ड स्मार्ट सिटी के अफसरों को दिए हैं।

इसी तरह कई लोग अटल बिहारी बाजपेई के निजी जीवन से जुड़ी चीजों को स्मार्ट सिटी कारपोरेशन को सौंप रहे हैं। इस संग्रहालय में अटल बिहारी वाजपेई के वर्ष 1924 से लेकर 2016 तक के जीवन के निजी फोटो प्रदर्शित की गई है। इसके साथ ही उनके द्वारा लिखी गई कविताओं के साथ ही धातु पत्र, चार्ट व फोटो उपलब्ध पर लिखवाई गई रचनाएं प्रदर्शित की गई है।

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इसके साथ ही उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया है। वहीं अटल बिहारी वाजपेई के साथ उनके रिश्तेदारों और पुराने फोटोग्राफ प्रदर्शित किए गए हैं। इस मीडियम के बन जाने के बाद यहां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा और युवाओं और बच्चों को भी अटल बिहारी वाजपेई के बारे में जानने का मौका मिलेगा।