मध्यप्रदेश के स्कूलों में तोला जाएगा बच्चों का बैग, तय वजन से ज्यादा बोझ होने पर स्कूलों पर लगेगा 4 लाख का जुर्माना
मध्य प्रदेश के स्कूली बच्चों की पीठ पर बंधे स्कूल बैग का वजन कम करने के लिए शिवराज सरकार कटिबद्ध है। 1 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में स्कूली बच्चों के बस्तों के वजन को कम करने के लिए अभियान शुरू हो रहा है। ऐसे में बच्चों के बैग के वजन को तोला जाएगा और अगर बच्चों के कंधों पर बंधे बैग का वजन ज्यादा मिला तो इसका खामियाजा उन स्कूलों को भुगतना पड़ेगा। बच्चे के बैग का वजन तय मापदंडों से अधिक पाए जाने पर स्कूल को 50000 से लेकर 1 लाख तक जुर्माना भरना पड़ेगा।
शिक्षा विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग रखेगा नजर
दरअसल अभी तक देखा जाता था कि बच्चे अपने वजन से अधिक पीठ पर बैग में वजन ले जाया करते थे। ऐसे में शिवराज सरकार ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर इस अभियान की शुरुआत की है। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की संयुक्त टीम स्कूली बच्चों के बस्तों पर नजर रखेगी। इस टीम में कुल 4 सदस्य शामिल रहेंगे। वे सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के छात्रों के देख पर नजर रखेंगे। बाल आयोग के सदस्य स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करेंगे। इस दौरान बच्चों के बैग का वजन समय-समय पर चेक भी किया जाएगा।
बैग में क्लास के हिसाब से वजन किया तय
1 अक्टूबर से प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में यह अभियान शुरू किया जा रहा है। स्कूल देख पॉलिसी के अनुसार क्लास 1 से लेकर पांचवी तक के बच्चों के बैग का वजन 1.6 किलो से 2.5 किलोग्राम के बीच होना चाहिए। वहीं प्राइमरी क्लास के बच्चों के स्कूल बैग का वजन नहीं रहेगा। इसके अलावा कक्षा छठवीं से लेकर नौवीं कक्षा के बच्चों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4 किलो के बीच रखना अनिवार्य कर दिया है। वहीं कक्षा दसवीं के छात्रों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4.5 किलो के बीच रखना अनिवार्य है।
शिक्षा विभाग ने जारी की स्कूल बैग पॉलिसी
बता दें कि कई दिनों से स्कूली बच्चों के माता-पिता बैग के वजन को कम करने की मांग कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल बैग पॉलिसी 2019 को रद्द कर अभी स्कूल बैग पॉलिसी 2020 जारी की है। इस नई पालिसी के अनुसार होमवर्क का तनाव छोटे बच्चों को नहीं दिया जाएगा। सरकार बिना किताब के शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। ऐसे में कंप्यूटर शिक्षा, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान की क्लास बिना किताब के लगाई जाएगी।
एमपी बोर्ड में बच्चों के वजन से 4 गुना ज्यादा भारी वजन का बैग है। सीबीआई की चौथी क्लास के बैग का वजन 9 किलो पाया गया। ऐसे में अगर पांचवी क्लास के बच्चों के बैग के भजन की बात करें तो 17 किलो से अधिक रहता है। ऐसे में यह पॉलिसी लागू की गई है। अगर आप इससे अधिक वजन पाया जाता है तो स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।