5 साल बाद भी लोहे की जंजीरों में उलझा है इंदौर का गौरव राजबाड़ा, 5 लाख लोग बने है दुर्दशा के साक्षी

देश में स्वच्छता का पंच लगाने वाला इंदौर, मां अहिल्या की नगरी इंदौर, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, जो हर तरफ विख्यात है आज वहां इंदौर अपने शहर के गौरव बढ़ाने वाले राजवाड़ा का 5 साल बाद भी जीर्णोद्धार नहीं कर पाया है ।जबकि शहर में कई तरह के विकास कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन राजवाड़े का जीर्णोद्धार आज भी जिम्मेदार अफसरों लापरवाही रवैया के चलते अटका पड़ा है। जबकि 2017 से राजवाड़ा के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है, लेकिन अभी तक शहर की शान राजवाड़े का काम पूरा नहीं कर पाए है। लोहे की जंजीरों से आज भी राजवाड़े का कायाकल्प पूरा अटका पड़ा है।

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2021 में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक हुई थी जिसमें कहा गया था कि काम पूरा जल्दी हो जाएगा। अफसरों को 105 दिन यानी के साड़े 3 महीने का समय दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद कार्य पूरा नहीं हो पाया। वहीं 2 मार्च 2022 के दूसरे सप्ताह में भी कलेक्टर मनीष सिंह, सांसद शंकर लालवानी ने डेडलाइन के बारे में पूछा तो इस मामले में स्मार्ट सिटी सीईओ का कहना है कि 5 साल बाद भी काम पूरा क्यों नहीं हुआ। राजवाड़ा के आसपास लोहे की जंजीरों से लगाए स्टीकर अब शहर की छवि को धूमिल कर रहा है।

अफसर बना रहे ये बहाने

राजवाड़ा के दिन जीर्णोद्धार के बारे में बात की जाती है तो अफसर भी बहानों में उलझे हुए है। कभी कहते हैं कोविड-19 की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे है तो कभी कहते हैं कि इंजीनियर आने में देरी कर रहे हैं। इस मामले में स्मार्ट सिटी के सीईओ ऋषभ गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि टेस्ट कंजर्वेशन रिटर्न में विशेष तकनीक और कार्य योजना की आवश्यकता होती है। सीईओ की माने तो कभी मजदूर नहीं आते हैं तो कभी इंजीनियर आने में देरी करते हैं। इस वजह से काम नहीं हो पा रहा है।

पिछले साल हो सकता था पूरा काम

कहे यूं कि अगर अफसर चाहते तो यह कार्य पूरा हो सकता था। इन्हें पहले 3 महीने का वक्त दिया गया था। दूसरी लहर 3 महीने रही थी, लेकिन अगर यह चाहते तो सितंबर में भी इस काम को पूरा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अब 4 महीने मांगे है। वहीं अगर बात करें वीर सावर मार्केट की और खजूरी बाजार की तो यहां पर भी पार्किंग का काम चल रहा है, लेकिन अभी तक भी पूरा नहीं कर पाए है। इसी तरह अगर बीच में देखें तो कई जगह खुदाई का काम आधा पड़ा हुआ है। ऐसे में अफसर और कर्मचारियों की लेटलतीफी के कारण आम जनता को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।

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बाहर हाल देखना अब यह होगा प्रशासन अब राजवाड़े की जड़ों द्वार में और कितना वक्त लगाएगा पहले 3 महीने का वक्त दिया गया था लेकिन इसके बावजूद भी यह काम पूरा नहीं हो पाया अब 3 महीने का वक्त दिया गया ऐसे में देखना यह होगा कि अब जो द्वार का काम कब तक पूरा किया जाता है या फिर इसी तरह आगे भी शहर का गौरव राजवाड़ा जंजीरों से लटका हुआ नजर आएगा या फिर कभी हो पाएगा