INDORE: इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुए देवी के नौ रूप, मन्नत पूरी होने पर होलकर महाराज ने बनवाया था मंदिर, मां बिजासन करती ये मनोकामना पूरी

देश भर में इस समय चैत्री नवरात्रि का पर्व चल रहा है। माता मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंदिरों में लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंच रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कई प्राचीन मंदिर है, लेकिन जिस मंदिर के बारे में हम बता रहे हैं उसका इतिहास वर्षों पुराना है। यह इंदौर का बिजासन माता मंदिर है,जहां दूर-दूर से भक्त देवी के नौ रूपों के दर्शन करने पहुंचते हैं और माता भी उनकी मनोकामना पूरी करती है। कई लोग यहां संतान की प्राप्ति की मनोकामना लेकर पहुंचते हैं।

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दरअसल माता भक्तों की झोली भर देती है। मंदिर के पुजारी का दावा है यहां भारत का एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां नौ देवियां स्वयंभू है। इंदौर में इन देवियों का पहले पिंड रूप था। जिनका सिंगार के बाद स्वरूप नजर आया इन्हें रक्त विचार सनी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं शारदी नवरात्र में इस मंदिर में मेला लगता है और बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

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दरअसल आर्थिक राजधानी इंदौर में कई प्राचीन मंदिर है जिनमें 1 नाम बिजासन माता मंदिर का भी है। इस मंदिर में शारदी नवरात्रि में मेला लगता है। इस मंदिर में दूरदराज से भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी पंडित सतीश वनगोस्वामी की माने तो मंदिर में नौ देवी के रूप विराजमान है। जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी ,कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, चंद्रघंटा, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री विराजमान है जो स्वयंभू है।

जाने कब हुआ था मंदिर का निर्माण

दरअसल इस मंदिर का निर्माण राजवाड़ा के पहले किया गया था। मंदिर पहले एक छोटे से चबूतरे में बना हुआ था, लेकिन होलकर राजा ने संतान की प्राप्ति की मनोकामना पूरी होने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद से यहां बड़ी संख्या में भक्त संतान प्राप्ति की कामना लेकर पहुंचते हैं और माता मंदिर में गोद भराई भी की जाती है जिससे महिलाओं को संतान की प्राप्ति भी होती है।

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पुजारियों के अनुसार नवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और माता उनकी मनोकामना को पूर्ण करती है। वहीं उनकी मनोकामना पूरी होने के बाद बच्चे को मंदिर में पैर बढ़ाने और मुंडन के लिए लेकर पहुंचते हैं। वहीं गर्मी के मौसम में मंदिर में टेंट कालीन व्यवस्था भी की गई है इसके साथ ही महिला और पुरुषों के लिए दर्शन के लिए अलग व्यवस्था की गई है।