इंदौर के खजराना गणेश मंदिर पर फिर सियासत, अब गर्भ गृह में प्रवेश को लेकर आंदोलन की तैयारी, भक्तों में भी आक्रोश

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्थित विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर है। इस मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इतना ही नहीं दूरदराज से भी कई भक्त भगवान गणेश के दर्शन को आते हैं, लेकिन अब खजराना गणेश मंदिर के गर्भ ग्रह को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल मध्यप्रदेश में नगरी निकाय चुनाव खत्म होने के बाद मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश अब सियासत का एक नया केंद्र बन गया है।

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बरामदे से दर्शन के लिए ले रहे 500 रुपये

दरअसल महाकाल मंदिर के साथ ही मध्य प्रदेश के सभी मंदिरों में गर्भ ग्रह में आम जनता को प्रवेश मिलता है, लेकिन आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्थित विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में गर्भ ग्रह में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। बता दें कि गर्भ ग्रह के सामने में बने बरामदे से दर्शन के लिए 500 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है जबकि महामारी से पहले यहां पर दर्शन के लिए भक्तों को निशुल्क प्रवेश मिलता था, लेकिन गर्भ ग्रह में भक्तों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती है।

गर्भग्रह में प्रवेश नहीं मिलने से भक्तों में आक्रोश

महामारी के समय देशभर के मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यहां तक कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी गर्भ ग्रह में भक्तों को प्रवेश नहीं मिलता था। इसके साथ ही इंदौर के खजराना गणेश मंदिर भी इसमें शामिल है। बाबा महाकाल के मंदिर समेत सभी मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश शुरू कर दिया गया है, लेकिन खजराना गणेश मंदिर के गर्भ गृह में आज भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। मंदिर के सामने बने बरामदे से दर्शन के लिए 500 रुपये का शुल्क लिया जाता है। इसको लेकर भक्तों में काफी आक्रोश भी नजर आ रहा है। इसके साथ ही सियासी दलों को भी बड़ा मुद्दा मिल गया है।

कांग्रेस ने लगाया प्रशासन पर ये आरोप

खजराना गणेश मंदिर को अब कांग्रेस ने सियासत का केंद्र बना लिया है। कांग्रेस ने भक्तों को गर्भ ग्रह में प्रवेश नहीं देने से आपत्ति जताई है। कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने प्रशासन की मनमानी बताई है। उनका कहना है कि अपने आप को धर्म का ठेकेदार बताने वाली बीजेपी शहर में कई बड़े नेता मंत्री सांसद और महापौर भी है, लेकिन इससे प्रतिबंध हटा कर गर्भ ग्रह में भक्तों को प्रवेश दिया जाए। कांग्रेस हमेशा से इस वसूली को बंद करने और दर्शन आरती के लिए गर्भगृह में प्रवेश की मांग उठा रही है। इससे पहले कमलनाथ ने सभी मंदिरों की जमीनें बेचने का फरमान 15 महीने की सरकार में जारी किया था।

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खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मोहन भट्ट ने बताया मंदिर के प्रशासक कलेक्टर हैं। इसलिए नीतिगत फैसले वही लेते हैं ₹500 की रसीद काटना गलत है। इसे भगवान के दर्शन की आस लेकर पहुंच रहे श्रद्धालुओं के मन में कष्ट होता है। इसलिए सभी भक्तों को 12:00 बजे तक प्रवेश की अनुमति देना चाहिए। हालांकि अब देखना यह होगा कि गर्भ गृह में राम भक्तों को प्रवेश मिलता है या नहीं।