रेलवे यात्रियों की होगी बल्ले-बल्ले, विदेशी तकनीक से लैस होंगे मध्यप्रदेश के ये रेलवे स्टेशन, मिलेगी ये खास सुविधा
भारतीय रेलवे नियमों में बदलाव करने के साथ ही स्टेशनों को अत्याधुनिक बनाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है ।ऐसे में अब एक बहुत ही अच्छी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंदौर समेत रतलाम रेल मंडल के साथ रेलवे स्टेशनों को अब विदेशों की तर्ज पर हाईटेक तकनीक से लेस किया जाएगा। रेलवे मंत्रालय स्टेशनों पर वीडियो सर्विलेंस सिस्टम यानी सीसीटीवी कैमरा का नेटवर्क बिछाने के लिए काम कर रहा है। जिससे चप्पे-चप्पे पर अब नजर रखी जाएगी इससे यात्रियों को चोरी की घटना का डर नहीं रहेगा।
इस तकनीक से चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर
इस समय देखा जाता है कि रेलवे स्टेशनों पर चोरी की घटना अधिक सामने आती है। कई बार होता है कि यात्रियों का पर्स या बैग लेकर चोर भाग जाते हैं। ऐसे में अब विदेशों की तर्ज पर इंदौर समेत रतलाम रेल मंडल के साथ रेलवे स्टेशनों को हाईटेक तकनीक से लैस किया जा रहा है। जिसके तहत अब चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह एचडी क्वालिटी के कैमरे होंगे जो कि संदिग्धों की पहचान आसानी से कर लेंगे। इन कैमरे की खासियत यह होगी कि अलार्म भेजने जैसे कई फंक्शन भी इसमें पाए जाएंगे।
2023 तक मिलेगी नई तकनीक की सुविधा
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए इसकी जिम्मेदारी अब सरकार के उपक्रम रेलटेल को क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा गया है। रेलवे स्टेशनों पर बीएसएफ के पहले चरण में a1,b एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है। 2023 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दूसरे चरण में इंटरनेट, प्रोटोकोल आधारित बीएसएस सिस्टम की जद में प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, प्लेटफॉर्म ,फुटओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय व अन्य को शामिल किया गया है। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के कार्यों को भी मंजूरी दे दी है।
कैमरे में 30 दिनों तक स्टोर रहेगा डाटा
बता दें कि इन रेलवे स्टेशनों पर चार प्रकार के आईपी कैमरे लगाए जा रहे हैं जो कि रेलवे परिसर के अंदर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सकेगा। रेलवे सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी ।वहीं कैमरे में वीडियो रिकॉर्डिंग 30 दिनों की स्टोर करके रखी जाएगी। इन कैमरों में अलार्म सेट किया जाएगा जो कि संदिग्ध की पहचान आसानी से कर लेगा। इसके साथ ही व्यक्ति, वाहन का रंग छवि के आधार पर कैमरा पहचान कर सकेगा । वहीं इसमें चयनित चित्र सामने आने के बाद ही अलार्म बचेगा और पुलिस अलर्ट हो जाएगी।