इस बेटी के जज्बे को सलाम, 22 साल की उम्र में बनी आईएएस, यूपीएससी और आईआईटी दोनों साथ की पास

इस देश में कई प्रतिभाशाली युवा है जो कई क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर रहे है। इसके साथ ही वर्तमान में देखा जाता है कि यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने का सपना हर युवा देख रहा है, लेकिन इस एग्जाम को क्लियर कर पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए लोगों को जीतोड़ मेहनत करना पड़ती है तब कहीं जाकर इसमें सफलता मिलती है। दसवीं पास करने के बाद ही कई युवा यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा क्लियर कर आईएएस बनने का सपना देख लेते हैं। ऐसे में आज पुरुषों से महिलाएं इस मामले में आगे हैं और यूपीएससी में लगातार बाजी मार रही है।

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यूपीएससी की परीक्षा 3 चरणों करते है क्लियर

यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्लियर करने का सपना तो हर युवा देखता है, लेकिन इसे हर कोई साकार नहीं कर पाता है। यूपीएससी क्लियर करने के लिए खुद को किताबों में झोंकना पड़ता है तब कहीं जाकर कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिल पाती है। इस समय बात करें तो हर साल लाखों युवा किसी ना किसी परीक्षा की तैयारी में लगे हैं। कई युवा शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवा देना चाहते हैं तो कई लोग प्रशासनिक या डिफेंस की तैयारी करते हैं। खाकी वर्दी की चाहत करीब 80% युवा रखते हैं। वहीं बहुत से ऐसे युवा हैं जो राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा देते हैं। फिर संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी में लग जाते हैं। ऐसे में यूपीएससी की परीक्षा काफी कठिन होती है। इस परीक्षा में 3 चरण होते हैं और तीनों में पास होना पड़ता है।

22 साल की उम्र में सिम्मी बनी आईएएस

ऐसे में हम आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका बहुत कम उम्र में यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ ।जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं वहां सिम्मी है। इनकी उम्र महज 22 साल की थी तब इन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्लियर की थी, लेकिन यह सफलता इन्हें ऐसे ही नहीं मिल गई। इस समय देखा जाता है कि हर साल लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी परीक्षा देते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो कठोर संघर्ष करते हैं और कभी हार नहीं मानते। इस परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग संस्थान में पढ़ना भी जरूरी है तब कहीं जाकर सफलता मिल पाती है।

12 वी में सिम्मी ने किया था टॉप

ओडिशा की सिम्मी करण एक आईएएस अधिकारी है। इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। इनका बचपन छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में बीता। इनके पिता जिले में एक स्टील प्लांट में नौकरी करते हैं। वहीं इनकी माता दिल्ली पब्लिक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में कार्यरत है। सिम्मी बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी रही है। 12वीं क्लास में सिम्मी ने 98% अंक हासिल किए और पूरे प्रदेश में टॉप किया था ।सिम्मी का यूपीएससी क्लियर करने का सपना नहीं था, लेकिन इंजीनियरिंग के साथ एग्जाम पास कर आईआईटी मुंबई से इंजरिंग की पढ़ाई में लग गई, लेकिन उनके मन में अचानक यूपीएससी पास कर सिविल सर्विसेज सेवा में जाना था। ऐसे में उन्होंने यूपीएससी को चुना और इसकी तैयारी शुरू कर दी।

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वहीं अपने ग्रेजुएशन की आखिरी वर्ष में यूपीएससी की परीक्षा देने का प्लान बनाया और तैयारी जमकर की इसके बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर पूरी इमानदारी से पढ़ाई की और इंजीनियरिंग के साथ आईएएस की तैयारी भी की। आखिरकार उन्होंने इतनी मेहनत की कि 22 साल की उम्र में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास कर आईएएस अधिकारी बन गई है ।अब वहां उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन कर सामने खड़ी है जो मेहनत कर आगे जाने का सोचती है।