गेहूं की चमत्कारी किस्म नहीं होगा तापमान घटने-बढ़ने का असर, किसानों को मालामाल करने के साथ नहीं होगा उत्पादन प्रभावित

इस समय गेहूं की कई तरह की प्रजातियां देखने को मिलती है, लेकिन इस बार गेहूं तो अच्छा हुआ, लेकिन तापमान बढ़ने की वजह से गेहूं पतला हो गया। मार्च-अप्रैल में इस बार तापमान काफी बढ़ा हुआ था। इसकी समस्या से देश के किसानों को गुजरना पड़ा था, लेकिन अब ऐसी नौबत दोबारा ना आए इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद गेहूं की सहिष्णु प्रजातियां तैयार करने में लगा हुआ है। जिसके बाद गेहूं की सहिष्णु प्रजातियां तैयार की जाएगी इसको लेकर 10 जिलों का चयन कर लिया है।

google news

गेहूं की खामिया सुधारने का करेंगे प्रयास

कृषि अनुसंधान परिषद का दावा है कि गेहूं की सहिष्णु प्रजातियों में मौसम का बदलाव की वजह से देखा गया है। तापमान घटने बढ़ने का असर फसल के उत्पादन पर नहीं पड़ता। उनका कहना है कि संगठन के माध्यम से ऐसी प्रजातियों को विकसित करेंगे। इसके साथ ही धान की विभिन्न प्रजातियां लंबे समय से किसान पैदा कर रहे हैं। इसके साथ ही धान में कई तरह की खूबियां है। इसको जाना जाएगा जिसके लिए जर्मनी के विश्वविद्यालय के साथ मिलकर धान के बीज पौधों या उसके हिस्सों का वर्णन करेंगे और इसे विकसित करने का भी बेहतर प्रयास रहेगा।

किसानों के लिए बनाई ये योजना

इस मामले में उपकार महानिदेशक संजय सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और फसल को बढ़ाने का प्रयास लगातार करने में लगी है। इसको ध्यान रखते हुए अब आठ योजना बनाई जा रही है। पूर्व कृषि उत्पादक आयुक्त आलोक सिन्हा व अपर मुख्य सचिव कृषि शिक्षा अनुसंधान उत्तर प्रदेश में इस पर मुहर लगा दी है, जल्द ही इसे धरती पर उतारा जाएगा।

जिन जिलों में इस योजना को शुरू किया जाएगा उनमें उत्तर प्रदेश के 10 जिले शामिल है। जिनमें बाराबंकी, वाराणसी, आजमगढ़, चंदौली और हरदोई, गोरखपुर, प्रयागराज ,हमीरपुर, बांदा, और मऊ जिला शामिल है।

google news