बमबारी से कुछ दूरी पर फंसी मध्यप्रदेश की ये बेटी, यूक्रेन से रोते बिलखते वीडियो बनाकर मांगी मदद
इन दिनों रूस और यूक्रेन में युद्ध छिड़ गया और गुरुवार को यूक्रेन ने रूस के 50 सैनिकों को ढेर करने का दावा किया था। लगातार रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की खबर से यूक्रेन में फंसे मध्य प्रदेश के बच्चों के माता-पिता की चिंता बढ़ गई है। दरअसल एक और जहां मध्य प्रदेश के विदिशा जिले और शाजापुर जिले के बच्चे फंसे हैं तो वही अब रतलाम की वैशाली राठौर भी एमबीबीएस की पढ़ाई करते समय वहां फंस गई है। उनके माता-पिता ने रोते हुए सरकार से सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है तो वहीं छात्रा वैशाली राठौर ने भी वीडियो भेज कर मदद मांगी है।
दरअसल रतलाम की रहने वाली वैशाली राठौर यूक्रेन के खारखीव में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई थी। इस दौरान वहां युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। वैशाली राठौर ने अपनी जानकारी में बताया कि वहां कॉलेज और लोकल प्रशासन पहले तो कहता रहा युद्ध नहीं होगा। भारत में इसकी अफवाह फैलाई जा रही है, लेकिन जब युद्ध छिड़ गया तो किसी और देश में शिफ्ट होने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही एंबेसी ने भी जरूरी कागजात लेकर निकलने के लिए बोल दिया है।
बमबारी से 42 किमी दूर फंसी छात्रा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूक्रेन का खारखीव रूस और यूक्रेन के बॉर्डर से महज 42 किलोमीटर दूर है। वैशाली ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि यहां का एयरपोर्ट सील कर दिया गया है। ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उन्हें मैसेज भेजने के साथ कहा गया कि अपना जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ पैकिंग कर ले और कुछ नकदी भी साथ रख ले। मैसेज में बताया गया जल्दी उन्हें इस देश से दूसरे देश में रवाना होना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले लोकल प्रशासन और कॉलेज प्रशासन के द्वारा कहा गया था कि यहां पर युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। भारत में युद्ध को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, लेकिन वैशाली के पिता ने टीवी में इसकी खबर देखी तो उनकी चिंता और बढ़ गई। उनके पिता विजय राठौर का कहना है जब युद्ध छिड़ा तभी हम ने बेटी को वापस लाने के लिए कह दिया था, लेकिन यूक्रेन कॉलेज ने नॉर्मल स्थिति होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था। इसके साथ ही कहा गया था कि अगर इन्हें वापस बुला लिया गया तो इनका 1 साल खराब हो जाएगा।
वैशाली के पिता ने लगाई गुहार
वहीं वैशाली के पिता विजय राठौर ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी बेटी को सुरक्षित यूक्रेन से भारत लाया जाए। अगर सभी बच्चे वहां भविष्य बनाने गए तो उनके भविष्य पर संकट खड़ा हो जाएगा। बहरहाल अब देखना यह होगा कि भारत सरकार अब किस तरह के कदम उठाती है।