इस शख्स ने मेहनत से डूबती कंपनी को बचाया, तब बनी इलेक्ट्रिक मार्किट की विश्व विख्यात हैवेल्स कंपनी, जानिए संघर्ष

आज तक हम हमारे आर्टिकल में आपको कई सक्सेस लोगों की स्टोरी बताते आ रहे हैं। इसी बीच हम आपको अब एक ऐसी स्वदेशी भारतीय कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम अब भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में शुमार है। दरअसल हम जिस कंपनी की बात कर रहे हैं वहां हैवेल्स कंपनी है। इस कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक बाजार में अपना दबदबा बना रखा है ।आज हैवेल्स कंपनी के कई इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट बाजार में मिल रहे हैं और लोगों के द्वारा इसके कई प्रोडक्ट खरीदे जाते हैं। इसकी शुरुआत हवेली राम गांधी के नाम से हुई थी, लेकिन बाद में इसकी कमान रॉय गुप्ता के हाथ में लगी। जिसके बाद इस कंपनी ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।

google news

इस शख्स ने हैवेल्स कंपनी को आर्थिक तंगी से उभारा

हैवेल्स कंपनी एक समय आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, लेकिन इस कंपनी को कीमत राय गुप्ता ने अपनी मेहनत के दम पर अरबों का व्यापार बना दिया। आखिर इन्होंने इस कंपनी को इतने ऊपर ले जाने में किस तरह की परिस्थितियों का सामना किया और उन्हें कामयाबी किस तरीके से मिली। इसकी कहानी हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा बताने जा रहे हैं। दरअसल इनके बारे में बहुत कम लोग होंगे जो जानते हैं जिसकी वजह से हैवेल्स आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी है। इस कंपनी के प्रोडक्ट दुनिया भर में बाजार में रंगीन है।

इस हैवेल्स कंपनी के मालिक बने कीमत राय

1937 में भारत के मलेरकोटला के छोटे गांव में कीमत राय गुप्ता का जन्म हुआ था। इन्होंने इस कंपनी को अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ाया है। कीमत राय अपनी आजीविका को आगे बढ़ाने के लिए गांव में शिक्षक के रूप में काम करते थे, लेकिन उन्हें बड़ा बनना था ऐसे में 21 वर्ष की उम्र में यानी 1958 में राजधानी दिल्ली आ गए। दिल्ली में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार की दुकान में काम किया।

इस दौरान उन्होंने बाजार में कई तौर तरीके सीखे। इसके बाद उन्होंने बिना समय गवाएं खुद की दुकान खोल ली और हवेली राम गांधी के डिस्ट्रीब्यूटर बन गए। इस दौरान उन्होंने इस कंपनी पर पूरा ध्यान रखा। वहीं हवेली राम आर्थिक तंगी से जूझ रहे थी ।वहां इस कंपनी को बंद कर रहे थे, लेकिन कीमत राय ने अपने व्यापार को बढ़ाने की फिराक में थे। कीमत राय के पास इतना पैसा नहीं था कि वहां कंपनी को खरीद सके।

google news

7 लाख में कीमत राय ने खरीदी थी कंपनी

इसके बाद उन्होंने खुद पर यकीन करते हुए इस ब्रांड के सामान को अच्छे दाम में बेचने का मन बनाया और जैसे तैसे पैसे जमा किए और 700000 में कंपनी को खरीदने का सौदा कर लिया। इस तरह हवेली राम गांधी बन गया। कीमत राय गुप्ता की हैवेल्स 1971 है। उस समय इलेक्ट्रॉनिक बाजार में कंपनी की कोई ज्यादा पहचान नहीं थी, लेकिन उन्होंने इतनी मेहनत की की इस कंपनी का मार्केट ऊंचा हो गया। 1976 में उन्होंने दिल्ली के कीर्ति नगर में पहला स्विच और रिचिंग ओवर का एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाया।

51 देशों में धाक जमा चुकी हैवेल्स कंपनी

1979 में बादली और 1980 में तिलक नगर में दो बड़े एनर्जी मीटर बनाने का प्लांट लगाएं ।1952 के दौर तक कंपनी करोड़पति बन गई। 1952 में है वैसे अपनी मार्केट वैल्यू 25 करोड़ तक पहुंचा ली, लेकिन इसके बावजूद कीमत राय रुके नहीं 1993 शेयर मार्केट के बीएसई और एनएसई के साथ कजोड़ कर लिया। बता दें कि आज हैवेल्स की कंपनी 51 देशों में अपने 91 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ काम कर रही है। वहीं दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के रूप में आज अपनी पहचान बना चुकी है।